वह दिन दूर नहीं जब बढ़ती आबादी का पेट भरने के लिए हमें आहार भी गैर मुल्कों से आयात करना पड़े. क्योंकि दिन-ब-दिन हमारी युवा पीढ़ी की दिलचस्पी कृषि कार्यों से कम होती जा रही है. वह इसे घाटे का सौदा समझती है. इसमें जोखिम ज्यादा है और इसके मुकाबले आमदनी न के बराबर है. किसानों की बड़ी समस्या यह है कि उन्हें अच्छी सिंचाई व्यवस्था और अच्छे बीज नहीं मिल पाते.
अगर यह सब किसी तरह अनाज पैदा भी कर लें, तो उसे ज्यादा दिनों तक सुरक्षित नहीं रख पाते, क्कों उनके पास भंडारण नही है. वहीं दूसरी तरफ लागत लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे किसानों के हालात बदतर होते जा रहे हैं. सरकार कृषि व्यवस्था बचाये रखने के लिए ठोस पहल करे, ताकि हमारी गिरती हुई अर्थ्व्यवस्था पटरी पर आ सके.
-मेघा कुमारी, गोड्डा