आलोक पुराणिक
वरिष्ठ व्यंग्यकार
puranika@gmail.com
पाकिस्तान में आटे का संकट है. आटा सत्तर रुपये किलो बिक रहा है. उधर रिपोर्टें हैं कि पाकिस्तान में परमाणु बमों का जखीरा बढ़ रहा है. आटा माइनस और बम प्लस हो रहे हैं. यह इमरान खान का नया पाकिस्तान है. वहां धंधा आतंकवाद का है और झगड़ा रोटी का.
साल 1948-49 में पाकिस्तान के कुल निर्यात का करीब 56 प्रतिशत भारत को आता था और पाकिस्तान के कुल आयात का करीब 32 प्रतिशत भारत से जाता था. आज पाकिस्तान की जिस इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा मजबूती है- वह आतंक इंडस्ट्री है, जिसके ग्राहक तलाशना मुश्किल काम है. पाकिस्तान का एकमात्र बड़ा कारोबारी पार्टनर चीन है, जो पाकिस्तान को कुछ आइटम देकर बदले में पूरा मुल्क ही मांगता है कीमत में.
पाकिस्तान इधर और उधर से धीमे-धीमे चाइनीज होता जा रहा है. फर्जी नकली कैरेक्टर के मामले में तो पाकिस्तान बहुत पहले से ही चाइनीज था, अब भौतिक स्तर पर भी चाइनीज होता जा रहा है. कुछ समय बाद पाकिस्तान के साथ तमाम मसलों पर बात करने के लिए चीनी अफसर ही आया करेंगे, बतायेंगे कि पाकिस्तान पर अब हमारा कब्जा है, हमसे बात करो.
खैर, पाकिस्तान मुल्क कमाल का है, परमाणु बम टेक्नोलॉजी दुनियाभर में बेचने को तैयार रहता है, पर अपने लिए जरूरत भर आटे का जुगाड़ ना कर पाता.
पाकिस्तान के एक एक्सपर्ट ने मुझे बताया- चोरी से कोई चीज हासिल करने में पाकिस्तान को महारथ हासिल है. परमाणु बम की तकनीक हम चोरी से लाये थे. आटा भी अगर चोरी से हासिल करने का सिस्टम होता, तो पाकिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा आटावान देश होता.
भारत इस वक्त परम गेहूंवान देश है. इतना गेहूं भरा हुआ है भारत में कि दोनों हाथ लुटाकर भी खर्च ना हो रहा है. भारत को अब यूं करना चाहिए कि पाकिस्तान की तरफ बमों की बजाय गेहूं के आटे के बोरे दागे.
और इस तरह से दागे कि ये पाकिस्तान के शहरों में गिरें, लो जी सौ बोरी कराची में, पचास बोरी लाहौर में. रिपोर्टिंग यूं हो कि आज भारतीय वायु सेना के विमानों ने सीमा पार करके कराची में बमबारी नहीं, आटाबारी की है. खबर बनेगी कि सर्जिकल स्ट्राइक में भारत के जहाज पूरे पाकिस्तान में गेहूं के आटे की बोरियां गिराकर चले गये.
इस सर्जिकल स्ट्राइक का पाकिस्तानी जनता भरपूर स्वागत करेगी. यह पाक हुक्मरानों पर भीषण सर्जिकल स्ट्राइक होगी. पाकिस्तान के एक पुराने हुक्मरान ने कभी कहा था कि पाकिस्तान घास की रोटियां खाकर भी भारत से जंग करेगा. नये हुक्मरान इमरान खान ने ऐसे हालात पैदा कर दिये हैं कि बिना जंग के ही घास की रोटियां खाने की नौबत आ गयी है.
उम्र बढ़ने के साथ मुल्क और इंसान परिपक्व होते हैं, पर इसमें शर्त यह है कि मुल्क मुल्क हों और इंसान इंसान हों. मुल्क अगर पाकिस्तान की तरह आतंकियों का झुंड हो और वहां इंसान सिर्फ बमबाजी की ही सोचते हों, तो परिपक्वता का मामला रिवर्स गीयर में चला जाता है.