Advertisement
गरीबी से जूझती एक चौथाई आबादी
संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी एक रिपोर्ट ‘स्टेट ऑफ द वर्ल्ड चिल्ड्रेन ‘ में यह बताया गया है कि दुनिया के 70 करोड़ (पांच वर्ष से कम आयु के) बच्चों में से एक-तिहाई कुपोषण के शिकार हैं, जबकि भारत में यह अनुपात आधा है. इसी प्रकार केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी प्रथम राष्ट्रीय […]
संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी एक रिपोर्ट ‘स्टेट ऑफ द वर्ल्ड चिल्ड्रेन ‘ में यह बताया गया है कि दुनिया के 70 करोड़ (पांच वर्ष से कम आयु के) बच्चों में से एक-तिहाई कुपोषण के शिकार हैं, जबकि भारत में यह अनुपात आधा है.
इसी प्रकार केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी प्रथम राष्ट्रीय पोषण सर्वे में 10-19 वर्ष आयु के 25 प्रतिशत बच्चों को कुपोषित बताया गया है. हंगर इंडेक्स की 117 देशों की सूची में भारत का स्थान 102वां है. इस मामले में हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका हमसे अच्छी स्थिति में हैं.
गरीबी रेखा का निर्धारण मानक अति निम्न रखे जाने के बावजूद यूएन रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अब भी लगभग 27.9 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं. अब सवाल यह उठता है कि आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है? सरकार या समाज या फिर परिवार? मेरी समझ में जिम्मेदार थोड़ा-बहुत तीनों ही हैं.
अरविंद सिंह, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement