बिहार में होने जा रहे एसटीइटी में वाणिज्य छात्रों को शामिल नहीं किया जाना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है. स्नातक, स्नातकोत्तर, बीएड व एमएड की डिग्री रहने के बावजूद भी वाणिज्य के अभ्यर्थियों को एसटीइटी देने से वंचित कर दिया गया है. इससे शिक्षक बनने का सपना देख रहे राज्य के हजारों वाणिज्य अभ्यर्थियों का भविष्य खतरे में पड़ गया है.
बड़ी संख्या में वाणिज्य की रिक्ति रहने के बावजूद शिक्षक बनने वाले अभ्यर्थियों का जीवन बर्बाद हो रहा है. वहीं, विद्यालयों में वाणिज्य के छात्रों को शिक्षा हासिल करने में ग्रहण लग रहा है. जब विद्यालयों में वाणिज्य के शिक्षक ही नहीं रहेंगे, तो पढ़ाई कैसे होगी, सरकार को इसका ध्यान रखना होगा.
मो इमरान, सीतामढ़ी