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लद्दाख में आदिवासी महोत्सव भाईचारे को करेगा मजबूत
जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बने अभी कुछ ही दिन हुए हैं कि लद्दाख से खुशी की खबर आनी शुरू हो गयी है. लद्दाख प्रदेश में स्थित लेह का पोलो ग्राउंड मैदान जो करीब 12 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित है वह कभी बड़े-बड़े चुनावी रैलियों के लिए जाना जाता था. वह […]
जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बने अभी कुछ ही दिन हुए हैं कि लद्दाख से खुशी की खबर आनी शुरू हो गयी है. लद्दाख प्रदेश में स्थित लेह का पोलो ग्राउंड मैदान जो करीब 12 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित है वह कभी बड़े-बड़े चुनावी रैलियों के लिए जाना जाता था. वह अब धारा 370 हटने के बाद घाटी के पहले बड़े सरकारी आयोजन के लिए जाना जा रहा है.
जनजातीय मंत्रालय द्वारा आयोजित नौ दिवसीय महोत्सव का आयोजन 17 से 25 अगस्त के बीच चलेगा, जिसमें देश भर के विभिन्न राज्यों के आदिवासी नृत्य-संगीत प्रस्तुत करेंगे तथा आदिवासियों को उद्यमिता के तरीके भी सिखाएंगे. इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समाज की परंपरा और संस्कृति की अस्मिता को बनाये रखना है, जिससे एक राज्य का दूसरे प्रदेशों के प्रति भाईचारे का रिश्ता भी मजबूत हो.
नितेश कुमार सिन्हा, जानपुल चौक (मोतिहारी)
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