18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

डिब्बा बांध कर काम पर निकल

आलोक पुराणिक वरिष्ठ व्यंग्यकार puranika@gmail.com निबट लिये जी चुनाव, हो गयी शपथ. पोस्टर जो टंगे थे, वो फट लिये. टैंट जो भाषणों के लिए गड़े थे, वो उखड़ लिये. जिनने मंत्री बनना था, बन लिये और कईयों के कलेजे में कांटे गड़ लिये. कुछ जम गये, बहुत उखड़ लिये. जमे तो कम, उखड़े ज्यादा हैं. […]

आलोक पुराणिक

वरिष्ठ व्यंग्यकार

puranika@gmail.com

निबट लिये जी चुनाव, हो गयी शपथ. पोस्टर जो टंगे थे, वो फट लिये. टैंट जो भाषणों के लिए गड़े थे, वो उखड़ लिये. जिनने मंत्री बनना था, बन लिये और कईयों के कलेजे में कांटे गड़ लिये. कुछ जम गये, बहुत उखड़ लिये. जमे तो कम, उखड़े ज्यादा हैं. जो मंत्री नहीं बने, वे सोच रहे हैं कि हाय मंत्री बन जाते. जो मंत्री बन गये हैं, वे सोच रहे हैं, इस विभाग के नहीं, हाय उस विभाग के मंत्री बनते. तू अपनी नौकरी बचा, डिब्बा बांध कर काम पर निकल.

हे आम नागरिक! अब उठ कर टीवी के चैनल बदल बदल कर वैसी फाइट की उम्मीद ना लगा, जैसी चुनावों में दिखती थी. वे दिन गये जब चुनावी खबरों में पहलवानी का मजा आता था. कांग्रेस ने अपने प्रवक्ताओं को टीवी चैनलों की डिबेट में भेजना बंद कर दिया है. भाजपा और कांग्रेस के प्रवक्ताओं की आपसी फाइट में कई टॉम एंड जैरी टाइप कार्यक्रमों का मजा आया करता था. अब टॉम एंड जैरी टाइप फील खबरों में कम हो गया है.

हे आम नागरिक! वक्त बदलता है, हमेशा टॉम एंड जैरी का वक्त नहीं रहता. अब बहुत फाइट देख ली, डिब्बा बांध कर काम पर निकल ले.

हे आम नागरिक! फोकट में तूने टीवी पर और अपने इलाकों में बड़े कलाकारों- सपना चौधरी, रवि किशन, मनोज तिवारी को देखा, वे दिन चुनावी थे. जो कलाकार चुन लिये गये, अब वे अपने क्षेत्र की जनता को ही दिख जाएं, तो कमाल से कम न होगा. अब खबरें बदल गयी हैं.

अब तो खबरें ये हैं कि नौ साल में सबसे गर्म दिन बनारस का. अबकी पारा पचास के पार. एंकर टीवी पर डरा रहा है. एंकर का काम डराना है, डरोगे नहीं तो टीवी क्यों देखोगे? डराना जरुरी है. यह एंकर बतायेगा कि पचास के पास सौ तक जायेगा तापमान, हम सब झुलस जायेंगे, अग्नियुग आ जायेगा आ क्या जायेगा, आ लिया समझो.

हे आम नागरिक! याद रखना ठीक यही एंकर पांच महीने पहले डरा रहा था कि हाय इतनी ठंड पड़ रही है, हिमयुग आ लिया. एक टीवी चैनल ने तो दिल्ली में हिम-मानव के पैरों के निशान दिखा दिये थे, आ लिया जी हिम-मानव, आ गया जी हिमयुग. उसी एंकर ने जुलाई-अगस्त की बरसात में हमको बताया था कि जल-प्रलय आ ही गयी है. बस डूब ही गये.

हे आम नागरिक! टीवी चैनलों का काम डराने का है. डराने के फायदे उनको होते हैं. बंदा डर जाता है, तो कहीं न जाता, सिर्फ टीवी ही देखता रह जाता है. इससे टीवी चैनल को ज्यादा दर्शक मिलते हैं. ज्यादा दर्शक मिलते हैं, तो ज्यादा इश्तिहारों की कमाई मिलती है. तू डरता रह बस, कभी हिमयुग से, कभी अग्नियुग से. कभी उस बाहुबली चुनावी कैंडिडेट से, कभी भानगढ़ किले के भूतों से. बस डरता रह.

इटली में ज्वालामुखी फटा, देख कर कोई टीवी एंकर भारत में पड़नेवाली तेज गर्मी का ताल्लुक इससे भी जोड़ेगा. इधर की ईंट उधर का रोड़ा. भानुमति हर एंकर की पूर्वज है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें