विपक्षी दल नरेंद्र मोदी सरकार और भाजपा पर संविधान के हनन का आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन इन विपक्षी दलों के नेता स्वयं विभिन्न राज्यों में संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों को अपने प्रदेश में कार्रवाई करने से रोक चुके हैं.
पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के लिए गये अमित शाह के हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति नहीं दी तथा उनको रैलियां करने से रोकने की कोशिश की. ममता बनर्जी नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री तक मानने को तैयार नहीं है. वह नरेंद्र मोदी को देश-निकाला देने की बात करतीं हैं तो कभी अनाप-शनाप बोलकर अवमानना करती हैं.
ऐसे व्यवहार से संविधान की गरिमा गिरती है. यह बड़ी गंभीर बात है, और भारत के संघीय रूप के लिए बिल्कुल अशुभ है. चुनाव आयोग को केंद्र सरकार और विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ तालमेल करके भविष्य में चुनाव प्रचार के नये नियम निश्चित करने होंगे ताकि इसकी मर्यादाएं सुरक्षित रहें और चुनाव प्रचार के समय अराजकता न फैले.