देशवासियों के त्याग, बलिदान और समर्पण से आज राष्ट्र पुनः विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर हो रहा है. इसमें देश के नागरिकों, सरकार, सेना, संवैधानिक संस्थाएं आदि सबका महत्वपूर्ण योगदान है,
लेकिन हाल के दिनों में कुछ राजनीतिक दलों और नेताओं द्वारा अपने निजी स्वार्थ में सेना सहित संवैधानिक संस्थाओं पर जिस तरह तथ्यहीन आरोप लगाये जा रहे हैं,
उसका राजनीति नफा-नुकसान चाहे जिस दल को भी हो, लेकिन वैश्विक स्तर पर देश की साख का जो बट्टा लग रहा है, उसकी भरपाई में दशकों गुजर जायेंगे. अतः वैसे दलों और नेताओं से अनुरोध है कि सत्ता की लड़ाई में राष्ट्रीय हित के साथ खिलवाड़ न करें.