Advertisement
यह कैसी विचारधारा जो रातोंरात बदल जाये?
भारतीय राजनीति एक ऐसे युग में प्रवेश करती जा रही है, जिसका कोई नियम नहीं दिखता. बड़ी संख्या में हो रहे दल-बदल से यह भी पता चल रहा है कि विचारधारा के आधार पर राजनीति करने के नाम पर जनता को बेवकूफ ही बनाया जाता है. विचारधारा ऐसी चीज नहीं कि रातोंरात बदल जाये. यह […]
भारतीय राजनीति एक ऐसे युग में प्रवेश करती जा रही है, जिसका कोई नियम नहीं दिखता. बड़ी संख्या में हो रहे दल-बदल से यह भी पता चल रहा है कि विचारधारा के आधार पर राजनीति करने के नाम पर जनता को बेवकूफ ही बनाया जाता है.
विचारधारा ऐसी चीज नहीं कि रातोंरात बदल जाये. यह समझ आता है कि कोई नेता समान विचारधारा वाले किसी दल में शामिल हो जाये, लेकिन आखिर इसका क्या मतलब कि चुनाव के ऐन वक्त दलों की परिक्रमा शुरू हो जाये और किसी दूसरी पार्टी का दामन थाम लिया जाये. वस्त्र बदलने की तरह से विचारधारा बदली जाये तो यह समझ लिया जाना चाहिए कि केवल संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थों को महत्ता दी जा रही है. इससे राजनीति और अधिक अनैतिक ही होगी.
डॉ हेमंत कुमार, गोराडीह (भागलपुर)
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement