19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दुर्भाग्यपूर्ण है भावी सेनाध्यक्ष पर विवाद

सेवानिवृत्त सेना प्रमुख व अब केंद्र सरकार में राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह को लेकर मचा बवाल नयी सरकार के लिए मुसीबत लेकर आया है. मोदी सरकार के कार्यभार संभालने के कुछ ही दिन बाद, चार जून को रक्षा मंत्रालय द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दिये गये हलफनामे में कहा गया है कि सेना प्रमुख रहते हुए […]

सेवानिवृत्त सेना प्रमुख व अब केंद्र सरकार में राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह को लेकर मचा बवाल नयी सरकार के लिए मुसीबत लेकर आया है. मोदी सरकार के कार्यभार संभालने के कुछ ही दिन बाद, चार जून को रक्षा मंत्रालय द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दिये गये हलफनामे में कहा गया है कि सेना प्रमुख रहते हुए जनरल वीके सिंह ने भावी सेनाध्यक्ष जनरल सुहाग की प्रोन्नति को अवैध एवं सुनियोजित तरीके से रोकने की कोशिश की थी.

रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने भी स्पष्ट कर दिया है कि अगले सेनाध्यक्ष के रूप में जनरल सुहाग की नियुक्ति का फैसला अंतिम है. डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्ववाली यूपीए सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में जनरल सुहाग की नियुक्ति का निर्णय लिया था. अब नयी केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दिये गये हलफनामे और रक्षा मंत्री जेटली के बयान के बाद यह विवाद थम जाना चाहिए था. वैसे भी देश की सुरक्षा के मद्देनजर रक्षा सेनाओं को लेकर इस तरह के विवाद दुर्भाग्यपूर्ण हैं. जिस तरह से यह मसला तूल पकड़ता जा रहा है, उसके लिए पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह के साथ-साथ कुछ हद तक रक्षा मंत्री भी जिम्मेवार हैं.

एक तरफ तो जेटली कह रहे हैं कि सेना और सेनाध्यक्ष को विवादों से ऊपर रखा जाना चाहिए, दूसरी तरफ उन्होंने रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है कि हलफनामे में वीके सिंह के खिलाफ टिप्पणी कैसे लिख दी गयी? यदि मान लें कि जेटली केंद्र सरकार को अप्रिय स्थिति से बचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं, क्योंकि वीके सिंह अब केंद्र सरकार में मंत्री हैं, तो वे जनरल सुहाग के विरुद्ध दिये गये वीके सिंह के उस बयान पर क्या करेंगे, जो उन्होंने ट्वीटर पर दिये हैं.

अपने ट्वीट में वीके सिंह ने अपरोक्ष रूप से जनरल सुहाग को ‘कातिलों और डकैतों का संरक्षक’ कहा है. केंद्र सरकार के एक मंत्री द्वारा देश के भावी सेनाध्यक्ष के बारे में ऐसा बयान निश्चित रूप से चिंता की बात है. इस स्थिति को लेकर सरकार और विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोपों के चाहे जो निहितार्थ हों, लेकिन यह केंद्र सरकार की जिम्मेवारी है कि वह अपने मंत्री को भावी सेनाध्यक्ष के बारे में गैरजिम्मेदाराना बयानबाजी से रोके.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें