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गांवों में दयनीय है बिजली की स्थिति
केंद्र सरकार हो या झारखंड सरकार, ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की बातें दोनों से खूब सुनी है. गांवो के विकास के लिए कई सारी योजनाओं का शिलान्यास किया गया, लेकिन ये योजनाएं धरातल पर कितनी उतरीं, ये वहां के लोगों से पता चल जायेगा. गांवों में निरंतर बिजली देना भी सरकारों की प्राथमिकताओं में है. […]
केंद्र सरकार हो या झारखंड सरकार, ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की बातें दोनों से खूब सुनी है. गांवो के विकास के लिए कई सारी योजनाओं का शिलान्यास किया गया, लेकिन ये योजनाएं धरातल पर कितनी उतरीं, ये वहां के लोगों से पता चल जायेगा. गांवों में निरंतर बिजली देना भी सरकारों की प्राथमिकताओं में है. लेकिन सच्चाई कुछ और है.
निरंतरता तो कोसों दूर की बात है, हल्का सी हवा और बारिश क्या हो जाती, बिजली 4-5 दिनों तक आती ही नहीं. ग्रामीण भी ऐसी स्थितियों के आदि हो चुके हैं. इनके घरों में इनवर्टर तो होते नहीं, तो छोटे बच्चों को ढिबरी या लालटेन में ही पढ़ाई करनी पड़ती है. सिर्फ वादों और भाषणों से कुछ नहीं होने वाला. यदि सरकार ने इन योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो ये नन्हें-नन्हें पौधे उड़ान भरने से पहले ही मुरझा जायेंगे.
उत्सव रंजन, हजारीबाग
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