27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्यासी धरती, प्यासा देश

पिछले 40 वर्षों से उत्तर भारत में पर्याप्त वर्षा के न होने से पानी का भीषण संकट जारी है. नदियां सूख रही हैं. नहरें और तालाब समाप्त हो रहे हैं. नाले भी गंदगी और गाद से ही भरे हैं. इन सबका कारण प्राकृतिक असंतुलन है, जो तेजी से बढ़ती जनसंख्या के साथ औद्योगीकरण, कंक्रीट के […]

पिछले 40 वर्षों से उत्तर भारत में पर्याप्त वर्षा के न होने से पानी का भीषण संकट जारी है. नदियां सूख रही हैं. नहरें और तालाब समाप्त हो रहे हैं. नाले भी गंदगी और गाद से ही भरे हैं. इन सबका कारण प्राकृतिक असंतुलन है, जो तेजी से बढ़ती जनसंख्या के साथ औद्योगीकरण, कंक्रीट के जंगलों में तब्दील होने और जल, जंगल और जमीन के तेजी से घटने से आज भी जारी है.
जब धरती ही प्यासी है, तो पूरा देश प्यासा ही रहेगा. इसके लिए जनसंख्या नियंत्रण के साथ प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण बहुत जरूरी है, जिसमें व्यापक स्तर पर जल, जंगल और जमीन की रक्षा भी बहुत जरूरी है. दूसरी ओर असंख्य अवैध कॉलोनियों और तूफानी अतिक्रमण से देश पहले ही नरक बन चुका है, जिसके स्थान पर अब चंडीगढ़ जैसे मास्टरप्लान की ही सख्त जरूरत हैं.
वेद मामूरपुर, नरेला

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें