झारखंड में घरेलू बिजली की कीमत वाणिज्यिक बिजली की दर से अधिक होने जा रही है. इस मामले में झारखंड राज्य का संभवत: अकेला राज्य होगा, जहां आम आदमी की तुलना में व्यावसायिक क्षेत्र को अहमियत दी जा रही है. अप्रैल से घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दर प्रति यूनिट सात रुपये होने जा रही है. वहीं, व्यावसायिक क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली बिजली का मूल्य छह रुपये प्रति यूनिट ही रहेगा.
अभी पिछले साल ही एक जुलाई से बिजली के दरों में 25 प्रतिशत का इजाफा किया गया था. अब नौ महीने के अंदर ही फिर से 135 प्रतिशत बिजली दर का बढ़ाया जाना कहीं से भी जनहित में नहीं है. सरकार को यह बताना चाहिए कि अनाचक से नौ महीने में बिजली दर में इस वृद्धि की वजह क्या है? घरेलू बिजली की तुलना में व्यावसायिक बिजली को सस्ता रखने के पीछे उसकी कौन-सी जनतांत्रिक सोच है? निश्चय ही सरकार के पास इसका कोई जवाब नहीं है. ऐसे में सरकार को इस पर हर हाल में विचार करना चाहिए, क्योंकि ऐसे ही अतार्किक फैसलों से झारखंड रसातल में जा रहा है.
जंगबहादुर सिंह, इमेल से