राष्ट्रकवि दिनकर ने कहा कि जवानी जिसके पास, जमाना उसके हाथ. यह बात कल भी सच थी और आज भी सच है. युवाओं को नौकरी देने में सरकार की जो बीमार कछुआ चाल है, उससे तो यही प्रतीत होता है. न जाने इस देश को क्या हो गया है, लोग गाय, वंदे मातरम्, पद्मावत आदि राजनीतिक मुद्दों पर सड़क पर उतरने को तैयार रहते हैं, मगर देश को जिसकी जरूरत है, यानी युवा शक्ति, वह रोजगार के लिए बेचैन है, इस दर्द को समझने वाला कोई नहीं.
भारत दुनिया का सर्वाधिक युवा शक्ति वाला राष्ट्र है. अगर युवाओं को रोजगार देकर चीन और अमेरिका से आगे निकला जा सकता है, लेकिन व्यवस्था राजनीतिक लाभ ढूंढने में व्यस्त है.
अमर कुमार, इमेल से