जेपीएससी की छठी सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन बेहद लापरवाह तरीके से हो रहा है. छात्रों ने आरक्षण और रिजल्ट से जुड़ी आपत्तियां उठायी हैं. दोनों ही महत्वपूर्ण आपत्ति हैं. चौथी सिविल सेवा परीक्षा तक पीटी में आरक्षण था, इसके बाद इसे खत्म कर दिया गया. आखिर कैसे खत्म कर दिया? सरकार का कोई निर्देश पत्र, कोर्ट का आदेश अथवा स्वयं के निर्णय से?
संबंधित कागज को जेपीएससी अपने वेबसाइट पर डालकर मामले को हल कर सकता था. मामला कोर्ट और कार्मिक विभाग के सामने भी है, लेकिन वहां भी तारीख पर तारीख और विभागों की अंतहीन दौड़ जारी है. जब स्पष्ट नियम बना दिया कि रिजल्ट विभिन्न कोटि के लिए 15 गुणा होगा, तो ओबीसी के लिए 300 गुणा कैसे हो गया?
मनोज कुमार मिश्रा, इमेल से