भारतीय रेल का कर्मचारी होने के नाते बता सकता हूं कि मुझ पर निर्भर मेरे माता-पिता के लिए रेलवे से न तो सुविधा पास मिलता है न ही यात्रा टिकट का लाभ. अस्पताल में उनके इलाज की सुविधा भी नहीं मिलती है.
भारतीय रेल भी पश्चिम देशों की तरह अपने देश में भी सिर्फ पति-पत्नी और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ही परिवार का हिस्सा मानती है. अगर माता-पिता आिश्रत हैं, तो उन्हें परिवार का हिस्सा नहीं माना जाता है. आज भारत सरकार वृद्ध लोगों के लिए वृद्धावस्था पेंशन, वरिष्ठ नागरिक रियायती टिकट आदि योजनाएं चला रही है, जिससे वृद्ध लोगो को लाभ मिल सके, लेकिन वे परिवार की परिभाषा नहीं बदलते जिससे एक बड़ा वर्ग इनका सीधा लाभ ले सके.
अमित कुमार मिश्रा, कोलकाता, इमेल से