यूएन के पूर्व महासचिव ने की विकसित देशों की आलोचना एजेंसियां, लंदनसंयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान ने इबोला महामारी पर प्रतिक्रिया की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह बीमारी अफ्रीका में शुरू हुई, इसलिए इससे निबटने में संपन्न देशों का रवैया बेहद सुस्त रहा. अन्नान ने बीबीसी के प्रमुख कार्यक्रम न्यूजनाइट में कहा, ‘इन प्रतिक्रियाओं से मैं बेहद निराश हूं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा इस पर तेज गति से कार्रवाई नहीं करने के कारण मैं बहुत निराश हूं.’ कहा कि यदि यह संकट अन्य क्षेत्रों में आया होता तो, इससे शायद बिल्कुल अलग तरह से निबटा जाता. वास्तव में अब आप इस महामारी के प्रसार पर नजर डालेंगे, तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बीमारी को लेकर तब जागा, जब यह अमेरिका और यूरोप में फैली. इबोला पर समुचित प्रतिक्रिया न देने के लिए डब्ल्यूएचओ की भी आलोचना हुई. डब्ल्यूएचओ ने पूर्वानुमान जताया है कि इबोला का संक्रमण दिसंबर तक एक सप्ताह में 10,000 तक पहुंच सकता है. उसके मुताबिक, रविवार तक सामने आये इबोला के कुल 8,997 मामलों में से 4,493 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.संयुक्त राष्ट्र इबोला कोष में पर्याप्त रकम नहीं संयुक्त राष्ट्र. जानलेवा इबोला वायरस के प्रसार को रोकने के लिए शुरू किये गये संयुक्त राष्ट्र ट्रस्ट फंड को महज 100,000 डॉलर मिले हैं. बीमारी पर रोकथाम के लिए आवश्यक एक अरब डॉलर की तुलना में यह राशि बहुत कम है. ट्रस्ट फंड को विभिन्न सरकारों ने करीब दो अरब डॉलर देने का वचन दिया है, लेकिन वास्तविक तौर पर नकदी के रूप में 100,000 डॉलर ही मिले हैं. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक अरब डॉलर देने की अपील की, ताकि संयुक्त राष्ट्र और भागीदार इस बीमारी से निबटने के लिए आगे बढ़ सकें और एक दिसंबर तक इसके संचारण (ट्रांसमिशन) की दर घटाने के लक्ष्य को पूरा कर पायें. शीर्ष अधिकारी की हो सकती है नियुक्ति अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि घातक बीमारी इबोला पर रोकथाम के प्रयासों में समन्वय के लिए वह जार (शीर्ष अधिकारी) की नियुक्ति पर विचार कर सकते हैं. उन्होंने बीमारी के प्रसार वाले पश्चिम अफ्रीकी देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगायेे जाने के अनुरोध को भी खारिज कर दिया. ओबामा से पूछा गया था क्या वह इबोला पर शीर्ष अधिकारी की नियुक्ति की योजना बना रहे हैं. कहा कि यह हमारे लिए उपयोगी हो सकता है कि इसके तहत एक अधिकारी हो, ताकि और ज्यादा नियमित प्रकिया को लेकर सुनिश्चित हुआ जा सके.
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अफ्रीका से शुरू हुआ, इसलिए इबोला को नजरअंदाज किया
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Prabhat Khabar Digital Desk
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