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रांची : महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि यंत्र देने की हो रही है तैयारी

मनोज सिंह एक ही योजना के 100 व 65 करोड़ के दो प्रस्ताव रांची : महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि उपकरण देने की योजना इस बार फिर तैयार हो रही है. एक योजना चलाने का प्रस्ताव भूमि संरक्षण निदेशालय से आया है. दूसरा प्रस्ताव झारखंड राज्य एग्रीकल्चर मशीनरी परीक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र (जेएएमटीटीसी) ने […]

मनोज सिंह
एक ही योजना के 100 व 65 करोड़ के दो प्रस्ताव
रांची : महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि उपकरण देने की योजना इस बार फिर तैयार हो रही है. एक योजना चलाने का प्रस्ताव भूमि संरक्षण निदेशालय से आया है. दूसरा प्रस्ताव झारखंड राज्य एग्रीकल्चर मशीनरी परीक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र (जेएएमटीटीसी) ने दिया है.
निदेशालय की योजना 65 करोड़ रुपये की है. इसका संचालन पूरे राज्य में होना है. वहीं, दूसरी योजना 100 करोड़ रुपये की तैयार की गयी है. इसका संचालन राज्य के 12 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाने का प्रस्ताव है. विभागीय संचिका में दोनों प्रस्ताव शामिल किय गये हैं. एक प्रस्ताव पर सक्षम अधिकारियों का अनुमोदन है, जबकि दूसरे प्रस्ताव पर किसी का अनुमोदन नहीं है.
मिनी ट्रैक्टर देने का है प्रस्ताव : पूर्व में महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए संचालित कृषि यंत्रिकरण प्रोत्साहन योजना में मिनी ट्रैक्टर नहीं दिया जाता था.
वित्तीय वर्ष 2019-20 में भी महिलाओं को पावर टीलर, मिनी ऑयल एक्सप्लोरर, 1.5 से दो एचपी तक का पंप सेट पाइप के स्थान पर राइस हॉलर पॉलिशर के साथ, ग्रेन मिल, पावर विडर, बैक पैक पावर विडर विद ब्रश कटर एंड राइस सीडर देने का प्रस्ताव गया था. इस प्रस्ताव में मिनी ट्रैक्टर जोड़ दिया गया है. इस पर अनुमोदन के लिए संचिका विभागीय मंत्री के पास भेजने का निर्णय छह जून को लिया गया.
निदेशालय ने अप्रैल व जेएएमटीटीसी ने मई में दिया प्रस्ताव
जेएएमटीटीसी ने मई माह में ही 12 जिलों में 100 करोड़ रुपये की लागत से इस योजना के संचालन का प्रस्ताव कृषि विभाग को दिया था. इसमें मिनी ट्रैक्टर, पावर टीलर, रोप व उसका सहायक कृषि यंत्र एवं कृषि प्रसंस्करण यंत्रों के वितरण का प्रस्ताव दिया गया है.
विभाग के संयुक्त सचिव सुनील कुमार सिन्हा को जानकारी दी गयी कि इसी तरह की योजना का प्रस्ताव भूमि संरक्षण निदेशालय से दिया गया है. इसमें श्री सिन्हा ने लिखा है कि इस योजना के तहत राशि का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भेजा जा चुका है. भूमि संरक्षण निदेशालय ने अप्रैल माह में ही योजना का प्रस्ताव विभाग को दिया था.
लैप्स हो गयी थी 80 करोड़ की राशि
पिछले वित्तीय वर्ष में कृषि विभाग ने महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि उपकरण देने के लिए 80 करोड़ रुपये की योजना तैयार की थी. फरवरी माह तक इसका राज्यादेश नहीं निकला था
.
राज्यादेश निकला तो इसमें जिक्र कर दिया कि राशि निकाल कर जेएएमटीसी के पीएल खाते में दे दिया जाये. राज्यादेश में ही इसके जिक्र को तकनीकी गड़बड़ी माना गया. सचिवालय में इसका समाधान वित्तीय वर्ष के अंत तक नहीं निकल पाया. अतत: यह राशि सरेंडर हो गयी.

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