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किसान आंदोलन का दूसरा दिन : 24 घंटे के दौरान मध्यप्रदेश में तीन अन्नदाताओं की मौत

भोपाल : किसानों के देशव्यापी 10 दिवसीय आंदोलन के दूसरे दिन मध्यप्रदेश से तीन किसानों की मौत की खबर आ रही है. मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में तीन किसानों की मौत हुई है, जिनमें से दो किसानों ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या की है, जबकि एक किसान की […]

भोपाल : किसानों के देशव्यापी 10 दिवसीय आंदोलन के दूसरे दिन मध्यप्रदेश से तीन किसानों की मौत की खबर आ रही है. मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में तीन किसानों की मौत हुई है, जिनमें से दो किसानों ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या की है, जबकि एक किसान की कृषि उपज मंडी में कथित अव्यवस्थाओं के चलते मौत हुई है.

इसे भी पढ़ें : अन्नदाताओं ने फिर पकड़ी आंदोलन की राह, 10 दिनों तक रहेगा ‘गांव बंद’

गौरतलब है कि कर्ज माफी, अपनी उपजों के वाजिब दाम एवं अन्य मांगों को लेकर किसानों का 10 दिवसीय देशव्यापी ‘गांव बंद आंदोलन’ मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में शुक्रवार से जारी है. कर्ज से परेशान एक-एक किसान ने बालाघाट एवं शाजापुर जिलों में खुदकुशी की है, जबकि सिवनी जिले की सिमरिया कृषि उपज मंडी में कथित अव्यवस्थाओं के चलते चना बेचने आये एक किसान ने दम तोड़ा है.

बालाघाट जिले के वारासिवनी पुलिस थाना प्रभारी महेंद्र सिंह ठाकुर ने शनिवार को बताया कि बालाघाट मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर ग्राम कोस्ते निवासी कृषक छन्नुलाल बोपचे (70) ने शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात जहर खाकर आत्महत्या कर ली. उन्होंने कहा कि मृतक के भतीजे राहुल बोपचे ने बताया कि छन्नुलाल पर बैंकों का 1,50,500 रूपये का कर्ज था. वह कर्ज चुका नहीं पा रहा था. इसके अलावा, उसकी फसल खराब हो गयी थी, जिससे परेशान होकर उसने जहर पी लिया. उसे इलाज के लिए बालाघाट जिला अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां शनिवार तड़के उसकी मौत हो गयी.

वहीं, शाजापुर जिला मुख्यालय से लगभग 75 किलोमीटर दूर स्थिति शुजालपुर तहसील के ग्राम ऊगली में किसान गोरधन अहिरवार (60) का शव शनिवार की सुबह कुएं में तैरता हुआ पाया गया है. मृतक किसान के पुत्र सीताराम अहिरवार ने कहा कि मेरे पिताजी का शव शनिवार के सवेरे लगभग 10 बजे हमारे ही कुएं में पाया गया. मेरे पिताजी पर सोसायटी के 2 लाख रुपये का कर्ज था. वह उसे चुका नहीं पाने के कारण परेशान रहते थे. शुजालपुर सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) आर पी जायसवाल ने कहा कि किसान गोरधन का शव पाया गया है. उसने किस कारण आत्महत्या की, उसकी जांच करवाई जा रही है.

इसी बीच, सिवनी जिला मुख्यालय से करीब आठ किलोमीटर दूर सिमरिया कृषि उपज मंडी में चना बेचने आये 48 वर्षीय किसान सोहनलाल अहिरवाल की शुक्रवार को मौत हो गयी. मृतक किसान के भाई मुन्नीलाल अहिरवाल ने आरोप लगाया है कि मंडी में कथित अव्यवस्थाओं के चलते उसकी मौत हुई है. हालांकि, प्रशासन का कहना है कि उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई है.

मुन्नीलाल ने बताया कि शुक्रवार की दोपहर विकासखंड कुरई के सिंदरिया गांव निवासी सोहनलाल अहिरवाल कृषि उपज मंडी सिमरिया करीब 60 क्विंटल चना लेकर आया था. मंडी में हमाल न मिलने पर किसान सोहनलाल को चिलचिलाती धूप में खुद ही ट्रैक्टर से चना उतारना पड़ा और तौलने के लिए समिति की बोरियां में भरना पड़ा, जिसके चलते एकाएक उसके पेट और सीने में असहनीय दर्द शुरू हो गया.

मुन्नीलाल का आरोप है कि अव्यवस्था के बीच मंडी में दर्द से तड़पते सोहनलाल को अस्पताल पहुंचाने के लिए वाहन तक नहीं मिला. बाद में मौके पर पहुंचे बेटे संजय अहिरवाल ने चिलचिलाती धूप में तड़पते पिता को मोटरसाइकिल से सिवनी जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. परिजनों का आरोप है कि पूरी तरह स्वस्थ किसान की सदमे से मौत हुई है.

वहीं, इस संबंध में सिवनी कलेक्टर गोपालचंद डाड ने कहा कि किसान को सीने में दर्द हुआ था. हार्ट अटैक से उसकी मौत हुई है. डाड ने बताया कि किसान शुक्रवार को ही चना लेकर कृषि मंडी आया था. अनाज खरीदी में किसी तरह की देरी नहीं हुई है.

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