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नीतीश के साथ हमारे रिश्ते पर किसी को कमेंट नहीं करना चाहिए : उपेंद्र कुशवाहा

पटना : केंद्रीय मंत्री एवंरालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने आज बिहार के मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के साथ अपने रिश्ते को लेकर बड़ा बयान दिया है. उपेद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के साथ अपने संबंधों को लेकर कहा कि मैं और बिहार केसीएम नीतीश एक दूसरे को कितनी नजदीकी तौर पर […]

पटना : केंद्रीय मंत्री एवंरालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने आज बिहार के मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के साथ अपने रिश्ते को लेकर बड़ा बयान दिया है. उपेद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के साथ अपने संबंधों को लेकर कहा कि मैं और बिहार केसीएम नीतीश एक दूसरे को कितनी नजदीकी तौर पर जानते हैं यह किसी को पता नहीं है. इसलिए हम दोनों के रिश्ते पर किसी को कमेंट नहीं करना चाहिए, नहीं तो वे मुश्किल में आ सकते हैं.

नीतीश को जनता ने चुना है उनसे कोई इस्तीफा नहीं मांग सकता : कुशवाहा

रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा बुधवार को युवा लोक समता द्वारा रविंद्र भवन में आयोजित सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार को मैं जितना समझ पाता हूं वह संतृप्त मुख्यमंत्री हैं. एक व्यक्तिगत मुलाकात में उन्होंने मुझसे भारी मन से कहा था कि अब कितना मुख्यमंत्री रहेंगे. 15 साल बहुत होता है. अब उनका (सीएम) मन संतृप्त हो गया है. उनका कहना था कि वे नीतीश कुमार पर पर कोई व्यंग्य नहीं कर रहे. कोई राजनीति नहीं कर रहे. नीतीश कुमार ने ही कहा था कि अब सीएम का स्थान खाली होने वाला है, लेकिन मीडिया ने इसका गलत अर्थ निकाला.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं सच बता रहा हूं. नीतीश कुमार खुद चाहेंगे तभी हटेंगे. उनको जनता ने चुना है उनसे कोई इस्तीफा नहीं मांग सकता. कोई हटा नहीं सकता. उपेंद्र कुशवाहा जितना नीतीश कुमार को जानता है, उतना कोई नहीं जानता. मुझे भी उनसे अधिक कोई नहीं जानता. कुछ लोगों को मालूम नहीं है कि हमारे बीच क्या रिश्ता है? हम दोनों के व्यक्तिगत मामलों में किसी भी पार्टी का कोई भी बोलेगा तो परेशानी में पड़ जायेगा.

एनडीए में सीट शेयरिंग पर बोले रालोसपा प्रमुख

सीट शेयरिंग को लेकर रालोसपा सुप्रीमो का कहना था कि उन्हें बिहार सरकार में हिस्सेदारी नहीं बल्कि जवाब चाहिये. यह समय सरकार में शामिल होने का नहीं है. जब बिहार में एनडीए की नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बन रही थी तब रालोसपा को उसकी अनुपातिक भागेदारी क्यों नहीं मिली. हमको लाभ में हिस्सेदारी से वंचित क्यों किया गया ? यदि एनडीए के नेता इसे न्याय संगत साबित कर देंगे तो रालोसपा हर कुर्बानी देने को तैयार है. उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए में हैं और आगे भी रहेंगे यह और बात है कि हम सत्ता में होने के बाद भी संघर्ष कर रहे हैं.

मालूम हो कि अमित शाह और नीतीश कुमार की मौजूदगी में भाजपा और जदयू के बीच बराबर-बराबर संख्या में सीटों के बंटवारे के एलान के ठीक बाद अरवल में तेजस्वी यादव के साथ कुशवाहा की मुलाकात ने सियासी कयासों को हवा दे दी थी, लेकिन मंगलवार को कुशवाहा ने एनडीए छोड़ने संबंधी अटकलों पर विराम लगा दिया था.जदयू-भाजपा के बीचबराबरसीटों के फॉर्मूले के तहत माना जा रहा है कि दोनों दल 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. राम विलास पासवान की लोजपा को चार सीटें मिलेंगी औरवहीं रालोसपा को दी सीटों से संतोष करना पड़ेगा.

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