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समय से गिरफ्तारी होती, तो जिंदा होती नैंसी!

आक्रोश. नैंसी के पिता व परिजनों ने आरोपितों को पकड़ कर किया था पुलिस के हवाले मधुबनी : नैंसी हत्याकांड में रोज नया मोड़ आ रहा है. इस कांड में अब अंधरामठ थाना पुलिस की लापरवाही की बात सामने आने लगी है. परिजनों का कहना है कि जिस समय नैंसी के गायब होने की जानकारी […]

आक्रोश. नैंसी के पिता व परिजनों ने आरोपितों को पकड़ कर किया था पुलिस के हवाले
मधुबनी : नैंसी हत्याकांड में रोज नया मोड़ आ रहा है. इस कांड में अब अंधरामठ थाना पुलिस की लापरवाही की बात सामने आने लगी है. परिजनों का कहना है कि जिस समय नैंसी के गायब होने की जानकारी पुलिस को दी गयी और पुलिस जांच को आयी थी. उसी दौरान परिजनों ने मुख्य आरोपित लालू झा और पवन झा को पुलिस के सामने पकड़ कर ला दिया था.
उस समय रात के करीब दस बज रहे थे. नैंसी के पिता ने बताया है कि जिस समय पुलिस के सामने लालू व पवन को लाया गया उस समय लालू शराब पीये हुए था. पर पुलिस ने उसे पूछताछ की औपचारिकता कर छोड़ दिया. अब यदि खुद पुलिस के बयान पर भी गौर करें तो यह बात सामने आ रही है कि नैंसी की हत्या उसी रात हुई जिस रात उसे गायब किया गया था. इसका मतलब है कि 25 की देर रात ही नैंसी को मार दिया गया.
और फिर उसके शव को चुपके से नदी किनारे फेंका गया. यदि पुलिस बाद में इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी के रूप में लालू झा और पवन झा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और इस कांड के खुलासा होने का दावा कर रही है तो सीधा सवाल है कि पुलिस ने यदि आरोपित लालू और पवन को 25 की रात नहीं छोड़ा होता तो नैंसी आज जिंदा होती. पुलिस के उपर आरोप यह लगाया जा रहा है कि यदि पुलिस दोनों आरोपित को नैंसी अपहरण में पहले चरण में निर्दोष मान रही थी तो शराब पीने के आरोप में तो कम से कम उसे पकड़ ही सकती थी. पर पुलिस ने ऐसा नहीं किया. कहीं नैंसी का हत्यारा उसकी बुआ पूजा की शादी को रोकवाना चाहते थे. जिस कारण नैंसी को गायब कर दिया गया जिस दिन पूजा की शादी के लिये मेंहदी की रश्म अदायगी हो रही थी.
चलेगा स्पीडी ट्रायल
इस बाबत एसएसपी एके पांडेय ने कहा है कि अब नैंसी हत्याकांड मामले मे आरोपितों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल चलायी जायेगी. पुलिस अपने हिसाब से इस मामले का उद्भेदन दोनों आरोपितों के गिरफ्तारी कर लिये जाने के रूप में कर रही है.
पर 25 की रात में आरोपितों को छोड़े जाने की बाबत एसएसपी का कहना है कि उस दिन हम लोग ठोस नतीजे पर नहीं थे कि हत्यारा लालू झा और पवन झा ही हैं. नैंसी के परिजन ने भी केवल शक ही जतायी थी. शक के आधार पर ही पुलिस ने भी उससे केवल पूछताछ कर छोड़ दिया.
नैंसी के हत्यारे को अविलंब पकड़ने व फांसी दिलाने की मांग
मासूम नैंसी के अपहरण कर हत्या करने वाले अपराधी को पकड़ने एवं उसे जल्द फांसी देने की मांग जोड़ पकड़ने लगी है.
घटना के खिलाफ लोगों का गुस्सा चरम पर है. इस घटना के विरुद्ध शहर के आरके कॉलेज के समीप दुर्गा मंदिर के प्रांगण में स्थानीय छात्र एवं समाजसेवी द्वारा मोमबत्ती जलाकर मृतक मासूम छात्रा के प्रति श्रद्धांजलि दी गई. मौके पर उपस्थित लोगों एवं छात्रों का कहना था कि अगर अविलंब अपराधी को गिरफ्तार नहीं की गई तो जिले के तमाम स्कूलों के छात्र सड़क पर उतर आयेगी. श्रद्धांजलि के क्रम में मौजूद लोग एवं छात्र मधुबनी पुलिस के खिलाफ नारे भी लगा रहे थे. इसमें कई मासूम बच्चे एवं महिला एवं पुरुष भाग ले रहे थे. लोगों ने कहा कि मधुबनी में दिन-प्रतिदिन अपराध की घटना बढ़ती जा रही है. खासकर ऐसे निरपराध छात्रा का अपहरण कर जघन्य हत्या करना काफी खौफनाक है. इसके विरुद्ध हम छात्र उग्र आंदोलन को मजबूर हो जाएंगे. श्रद्धांजलि कार्यक्रम में स्थानीय लक्ष्मी देवी, गीता देवी, सिंपी कुमारी, किरण देवी, पूजा कुमारी, प्रीती कुमारी, आरती कुमारी, गुड़िया कुमारी, राजा ठाकुर, सोनू कुमार, मुकेश कुमार, चंदन कुमार सहित अन्य छात्र एवं समाजसेवी मौजूद थे.
सीबीआइ से जांच की मांग
मासूम नैंसी के हत्या मामले की सीबीआई से जांच की मांग की जाने लगी है. नैंसी के पिता रविंद्र झा बतातें हैं कि उन्हें इस मामले में अब पुलिस प्रशासन के उपर कोई भरोसा नहीं रह गया है. जिस प्रकार से स्थानीय थाना पुलिस ने शुरूआत से ही इस मामले में लापरवाही बरती है उसे देखकर तो यही लग रहा है कि पुलिस को अपराधियों को पकड़ने की मंशा ही नहीं थी. अब हमें तभी संतोष होगा और जांच पर विश्वास रहेगी जब इसकी सीबीआई से जांच की जाये.
राजनीतिक दल व संगठनों ने भी की घटना की निंदा
नैंसी हत्याकांड को लेकर अब विभिन्न राजनीतिक दल व सामाजिक संगठनों ने भी आवाज उठानी शुरू कर दी है.भारतीय मित्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनेश्वर महतो ने कहा है कि जिस सरकार में ऐसे मासूम की हत्या हो, अपराधी पुलिस पकड़ में नहीं आ रहा है वहां के सरकार को तत्काल इस्तीफा देनी चाहिये. कहा है कि जिला प्रशासन को तत्काल इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश देने चाहिए पर ऐसा नहीं हो रहा. जिस प्रकार से परिजनों ने घटना के कुछ देर बाद ही आरोपित को पुलिस के सामने लाया था और पुलिस ने उसे छोड़ दिया था ऐसे पुलिस अधिकारी को अब तक पद पर बनाये रखना ही पुलिस पर सवालिया निशान लगा रही है. इसी प्रकार कांग्रेस सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष बाला जी मिश्रा ने कहा है नैसी की घटना में यदि अपराधी को कठोर सजा नहीं दी गयी तो इससे अपराधियों का मनोबल बढेगा और यह समाज के लिये घातक होगा. हर परिवार में नैंसी जैसी बेटी, बेटे हैं. हमारे समाज में ऐसे अपराध करने वालों को माफी नहीं दी सकती.
वहीं कांग्रेस के विजय कुमार झा भोला ने कहा है कि प्रशासन को इस मामले में हर स्तर पर जांच करनी चाहिए. ताकि अपराधियों का जल्द ही पता चले. वहीं गांव के लोगों से भी इस मामले में पुलिस को सहयोग करने की अपील की है. सखी संस्था के सचिव सुमन सिंह ने कहा है कि मासूम नैंसी की हत्या हृदय विदारक है. यह घटना हर किसी को मर्माहत कर रही है. नैंसी के परिवार को तभी तसल्ली मिलेगी जब उनके मासूम बेटी के कातिल को कड़ी सजा दी जाये. एसे हत्यारों के लिये किसी प्रकार की रहम दिखाना समाज और कानून दोनों के लिये घातक है.
25 मई का दिन फिर हुआ काला दिन साबित
रवींद्र के परिवार के लिये 25 मई काला दिन साबित हो चुका है. ठीक एक साल पहले 25 मई 2016 को ही रविंद्र के माता पिता की मौत उत्तराखंड में हो गयी थी. रविंद्र बताते हैं कि उनके पिता देवानंद झा और राजेश्वरी देवी तीर्थाटन पर गये थे. पर 25 मई को ही उत्तराखंड में दोनों की एक साथ हो गयी. इनके मौत का समय भी रविंद्र शाम साढे छह के आस पास ही बता रहे हैं. जबकि ठीक एक साल बाद 25 मई को नैंसी भी उसी दिन गायब हुई और बतौर पुलिस उसकी भी हत्या 25 मइ को ही कर दी गयी.

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