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राजकोषीय घाटा 3.3 फीसदी रहने का अनुमान, कुल व्यय 24.42 लाख करोड़ रुपये

नयी दिल्ली : संसद में आज पेश आम बजट में वित्त वर्ष 2018-19 में कुल व्यय 24.42 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहने का अनुमान जताया गया है। आगामी वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.3 फीसदी रखा गया है. वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान कुल व्यय 24.42 लाख […]

नयी दिल्ली : संसद में आज पेश आम बजट में वित्त वर्ष 2018-19 में कुल व्यय 24.42 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहने का अनुमान जताया गया है। आगामी वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.3 फीसदी रखा गया है. वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान कुल व्यय 24.42 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है. वहीं, राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.3 फीसदी यानी 6,24,276 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया गया है.

इसे भी पढ़ेंः देश का राजकोषीय घाटा 2018-19 में बढ़कर 3.5 फीसदी रहने का अनुमान

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि इसका वित्त पोषण ऋण लेकर किया जायेगा. जेटली ने 2018-19 के आम बजट को सरकार का कृषि, सामाजिक क्षेत्र, डिजिटल भुगतान, अवसंरचना तथा रोजगार सृजन में निवेश को पर्याप्त बढ़ावा देने वाला बजट कहा. साथ-साथ इसे वित्तीय समेकन के मार्ग पर प्रशस्त रहने की दृढ़ प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने वाला बजट बताया. वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री जेटली ने कहा कि संशोधित अनुमान (2017-18) से व्यय में 2,24,463 करोड़ की वृद्धि सरकार की प्रतिबद्धता को प्रमाणित करती है.

जेटली ने कहा कि मौजूदा सरकार ने मई, 2014 में उस समय कार्यभार संभाला था, जब राजकोषीय घाटा बहुत उच्च स्तर पर था. वित्त वर्ष 2013-14 का राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 फीसदी था. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार 2014 में लगातार राजकोषीय घाटा समेकन के पथ पर आगे बढ़ी है. राजकोषीय घाटा 2014-15 के 4.1 फीसदी से कम करके 2015-16 में 3.9 फीसदी तथा 2016-17 में 3.5 फीसदी पर लाया गया. वित्त वर्ष 2017-18 में संशोधित राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 3.5 फीसदी पर 5.95 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है.

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