देवघर: गैंग रेप का आराेप लगाकर एफआइआर दर्ज कराने वाली महिला को केस करना महंगा पड़ा. सेशन जज दो कृष्ण कुमार की अदालत द्वारा आरोप लगाने वाली महिला के विरुद्ध ही अवमानना का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया. साथ ही इस मामले के तीनों आरोपित सोहन दास, शंभु दास व छोटी दास को आरोपों से मुक्त करते हुए रिहा कर दिया. तीनों आरोपित मधुपुर थाना के सिमरातरी गांव के रहने वाले हैं. यह मामला मधुपुर थाना के सिमरातरी गांव में 17 मई 2014 को हुई थी व महिला ने मुकदमा दर्ज कराया था.
जिसमें उपरोक्त तीनों को आरोपित बनाया गया था. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से कुल सात गवाही दी गयी जिन लोगों को घटना की पुष्टि नहीं की, जिस कारण रिहा कर दिया गया. अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक ब्रह्मदेव पांडेय तथा बचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता इशहाक अंसारी ने पक्ष रखा. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपितों को रिहा कर दिया.
क्या था यह मामला
जिले मधुपुर थाना के सिमरातरी गांव में 17 मई 2014 को महिला ने मधुपुर थाना में कांड संख्या 148/2017 दर्ज कराया था. जिसमें सोहन दास, शंभु दास व छोटू दास को आरोपित बनाया गया था. महिला ने आरोप लगाया था कि घटना की रात करीब डेढ़ बजे तीनों आरोपित जबरन उसके घर में घुस गये व पति के हाथ-पांव बांध दिये व बारी- बारी से दुष्कर्म किया था. आरोपितों के विरुद्ध भादवि की धारा 376 (2) (जी) लगायी गयी थी. पुलिस ने धारा 354 बी में आरोप पत्र दाखिल किया था, लेेकिन कोर्ट ने प्राथमिकी की धारा में आरोप गठित किया. सुनवाई के समय सूचक समेत सभी गवाह रेप की घटना से मुकर गये. जिस कारण केस को असत्य करार दिया गया व आरोपितों को रिहा कर दिया गया.