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बुमराह के दादा कंगाल, दाने-दाने को मुहताज, चलाना पड़ रहा है ऑटो
परेशानी : तीन फैक्टरियां बंद होने के बाद दाने-दाने को मुहताज हुए 84 वर्षीय संतोख सिंह नयी दिल्ली : भारतीय किक्रेट टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत सिंह बुमराह के दादा संतोख सिंह बुमराह इन दिनों तंगहाली में जी रहे हैं. 84 वर्षीय संतोख सिंह उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के किच्छा में आवास विकास […]
परेशानी : तीन फैक्टरियां बंद होने के बाद दाने-दाने को मुहताज हुए 84 वर्षीय संतोख सिंह
नयी दिल्ली : भारतीय किक्रेट टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत सिंह बुमराह के दादा संतोख सिंह बुमराह इन दिनों तंगहाली में जी रहे हैं. 84 वर्षीय संतोख सिंह उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के किच्छा में आवास विकास कॉलोनी में एक किराये के मकान में रहते हैं. वे ऑटो चला कर जीवनयापन कर रहे हैं.
मूल रूप से अहमदाबाद के रहनेवाले संतोख सिंह तीन कारखानों के मालिक थे. वहां उनके फैब्रीकेशन के तीन कारखाने हुआ करते थे. वे अपने बेटे और जसप्रीत बुमराह के पिता जसवीर सिंह बुमराह के साथ मिल कर अपने तीनों कारखानों का पूरा काम देखते थे. 2001 मे पीलिया की वजह से जसवीर सिंह का निधन हो गया. जसवीर सिंह की मौत ने संतोख सिंह को तोड़ दिया.
इस घटना के बाद उनकी फैक्टरियां भी आर्थिक संकट से घिर गयी, जिस कारण बैंको का कर्ज देने के लिए उन्हे अपनी तीनों फैक्टरियों को बेचना पड़ा. 2006 में जसप्रीत के दादा ऊधम सिंह नगर के किच्छा आ गये. यहां उन्होंने चार टेंपो खरीद लिये और उन्हें किच्छा से रुद्रपुर के बीच चलाने लगे.
कुछ समय तक काम अच्छा चलने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति एक बार फिर खराब हो गयी. इस कारण उन्हें चार ऑटो में से तीन बेचने पड़े. जसप्रीत के चाचा विकलांग है और जसप्रीत की दादी का 2010 मे निधन हो गया था. काफी समय तक अहमदाबाद में रहनेवाली जसप्रीत की बुआ ने ही अपने पिता व भाई का खरचा उठाया.
उम्र के इस आखिरी पड़ाव पर संतोख सिंह का कहना है कि उनकी यह दुआ है कि उनका पोता क्रिकेट के खेल में खूब तरक्की करते हुए अपने देश का नाम खूब रोशन करे.
दादा से अलग रहते हैं बुमराह
बताया जाता है कि पिता की मौत के बाद बुमराह और उनकी मां परिवारिक कारणों से अपने दादा से अलग हो गये थे. इसके बाद वे फिर कभी एक-दूसरे से नहीं मिले.
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