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संजू : पत्रकार बलजीत परमार ने ऐसे किया था संजय दत्त के अंडरवर्ल्ड कनेक्शन का खुलासा

बलजीत परमार ने संजय दत्त को समझाने की कोशिश की थी पर वे न नहीं माने थे मुंबई : इन दिनों संजय दत्त की जिंदगी पर बनी फिल्म संजू बॉक्स ऑफिस पर रोज नये रिकॉर्ड बना रही है. राजकुमार हिरानी की इस फिल्म में रणबीर कपूर ने संजय दत्त की भूमिका निभाई है और फिल्म […]

बलजीत परमार ने संजय दत्त को समझाने की कोशिश की थी पर वे न नहीं माने थे

मुंबई : इन दिनों संजय दत्त की जिंदगी पर बनी फिल्म संजू बॉक्स ऑफिस पर रोज नये रिकॉर्ड बना रही है. राजकुमार हिरानी की इस फिल्म में रणबीर कपूर ने संजय दत्त की भूमिका निभाई है और फिल्म में मीडिया को खूब लताड़ा गया है. दरअसल, मीडिया को लेकर अक्सर सेलिब्रिटी की शिकायत होती है…और यह शिकायत कई बार उनकी इस निजी पीड़ा की वजह से होती है कि मीडिया सच को ढूंढ निकालता है. 1993 में मुंबई बम धमाकों के बाद संजय दत्त के जीवन से जुड़े एक सच को 90 के दशक में एक पत्रकार बलजीत परमार ने ढूंढ निकाला था और यह खबर ब्रेक की थी कि उनके रिश्ते अंडरवर्ल्ड से हैं.

1993 में जब मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों से थर्रा गया था, तब बलजीत परमार वहां एक डेली अखबार में क्राइम रिपोर्टर थे. पंजाब से अभिनेता बनने का सपना लेकर मुंबई पहुंचे परमार को पत्रकारिता से पहचान मिली और वह भी उस समय के सबसे बड़े अभिनेता के खिलाफ लिखी खबर से.

बलजीत परमार 12 अप्रैल, 1993 को वे मुंबई हमले का एक महीना पूरा होने पर यह जानने के लिए माहिम पुलिस स्टेशन पहुंचे कि केस का इन्वेस्टिगेशन कहां तक पहुंचा. इसी दौरान थाने के गेट पर उनकी भेंट एक आइपीएस अधिकारी से हुई. परमार ने उस आइपीएस से पूछा – मुंबई ब्लास्ट की जांच कहां तक पहुंची है. इस पर अधिकारी ने कहा – आपके ही एमपी के बेटे का नाम इसमें आ रहा है. यह बोल कर अफसर निकल गये.

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इसके बाद परमार के दिमाग में यह तैरता रहा कि अाखिर किस एमपी का बेटा है वह शख्स? इस दौरान उनके दिमाग में एक भी बार संजय दत्त का नाम नहीं आया, जो उत्तर पश्चिम मुंबई सीटसे लोकसभा सांसद सुनील दत्त के बेटे थे. इस सूचना के बाद परमार ने अगले 24 घंटे तक कई सूत्रों के माध्यम से इस खबर के बारे में और जानकारी जुटाने की कोशिश की. उन्होंने कई पुलिस अफसरों को फोन लगाया पर किसी ने कोई सुराग नहीं दिया.

फिर अगले दिन वे लेटनाइट थाने पहुंचे. वहां उनकी भेंट एक दूसरे आइपीएस से हो गयी जो उनके अच्छी पहचान के थे. बलजीत परमार को तब तक यह अहसास हो गया था कि इस केस में सीधे तौर पर अब जानकारी नहीं मिल सकती है, थोड़ा जर्नलिस्टिक तरीके अपनाने होंगे और तुक्केबाजी का सहारा लेना होगा. परमार ने उस आइपीएस से सवालिया लहजे में कहा, तब आपने एमपी के बेटे को केस में उठा लिया है? इस पर फौरन उस आइपीएस ने जवाब दिया – नहीं, नहीं, अभी नहीं उठाया है, वह अभी विदेश में शूटिंग कर रहा है.

बस इतना कहना भर था कि परमार इस बात को लेकर पक्के हो गये कि एमपी सुनील दत्त हैं और केस में उनके बेटे संजय दत्त का नाम आ रहा है. हालांकि इस सूचना के अलावा परमार के पास खबर को पक्का करने के लिए कोई सबूत नहीं था. उन्होंने दूसरे पक्ष की जानकारी हासिल करने के लिए दत्तपरिवार व सुनील दत्त से संपर्क करने की कई तरीके से कोशिश की. पर, उन्हें बताया गया कि वे विदेश में हैं. जो दूसरे नंबर मिले उस पर भी संपर्क नहीं हो पाया. हालांकि वे उनकी पहचान के ही थे. अपने कॉमन जर्नलिस्ट फ्रेंड के माध्यम से भी उन्होंने संपर्क का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं हाे सकी.

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अंतत: उनके अखबार के संपादक ने उन्हें बिना दूसरे पक्ष के और दस्तावेजी प्रमाण के खबर चलाने की अनुमति दे दी. अगले दिन 15 मार्च को यह खबर छपते ही मुंबई ही नहीं देश भर में हंगामा मच गया. लेकिन, दूसरे ही दिन एक बड़े अंग्रेजी अखबार ने इस खबर का खंडन छाप दिया कि ऐसी कोई बात नहीं है.

इसके बाद उन दिनों मॉरीशस में फिल्म खलनायक की शूटिंग कर रहे संजय दत्त ने बलजीत परमार को फोन किया और कहा कि यह आपने मेरे बारे में क्या छाप दिया है. परमार ने उन्हें कहा सही छापा है. इन दोनों की पहले से पहचान थी. इस दौरान यह समझाया कि वे खुद आकर सरेंडर कर दें तो दिक्कत कम होगी नहीं तो अगर खुद पुलिस गिरफ्तार करेगी तो टाडा के तहत केस चलेगा.

इस फोन कॉल के कुछ घंटे बार फिर संजय दत्त ने परमार को फोन किया और पुलिस कमिश्नर का नंबर मांगा. उन्होंने नंबर दे दिया.इसके बाद संजय दत्त ने पुलिस कमिश्नर को फोन कर इस बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा ऐसी कोई बात नहीं है. दरअसल, पुलिस यह नहीं चाहती थी कि संजय दत्त को यह अहसास हो जाये कि पुलिस सचमुच केस की जांच में उन तक पहुंची है और उन्हें गिरफ्तार कर सकती है.

बलजीत परमार के अनुसार, संजय दत्त ने उनकी बात नहीं मानी और अपने दोस्तों को हथियार नष्ट करने का निर्देश विदेश से दे दिया. इसके बाद जब वे शूटिंग से वापस मुंबई एयरपोर्ट पर लौटे तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और फिर गिरफ्तार कर लिया.

फिर इसके बाद की कहानी तो पूरी दुनिया जानती ही है.

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