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पाक विदेश मंत्री के मुंह से निकली सच्चाई, जम्मू-कश्मीर को माना भारत का अभिन्न राज्य

जिनेवा : जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकर परिषद की बैठक में भाग लेने पहुंचे पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर को भारत का राज्य बताया. भारत पर मानवाधिकर उल्लंघन के आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया को भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य में जाने नहीं दिया जा रहा. दरअसल, कश्मीर के […]

जिनेवा : जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकर परिषद की बैठक में भाग लेने पहुंचे पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर को भारत का राज्य बताया. भारत पर मानवाधिकर उल्लंघन के आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया को भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य में जाने नहीं दिया जा रहा.

दरअसल, कश्मीर के मुद्दे पर वैश्विक स्तर पर चौतरफा मात मिलने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. पाकिस्तान की तरफ से तरह-तरह के बयान जारी किये जा रहे हैं. कुरैशी ने कहा, भारत दुनिया को यह जताने की कोशिश कर रहा है कि कश्मीर में स्थिति सामान्य हो गयी है. अगर जिंदगी सामान्य है तो वे अंतरराष्ट्रीय मीडिया, अंतरराष्ट्रीय संगठन, एनजीओ, सिविल सोसायटी को भारत के राज्य जम्मू-कश्मीर में जाने क्यों नहीं दे रहे. उन्हें खुद सच्चाई क्यों नहीं देखने दे रहे. कुरैशी ने आरोप लगाया कि वे झूठ बोल रहे हैं. एक बार कर्फ्यू हटते ही सच्चाई बाहर आयेगी और दुनिया जानेगी कि वहां के हालात कैसे हैं.

बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान ने सोमवार को कहा कि कश्मीर में स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख की चिंताएं विश्व निकाय के रुख के ही अनुरूप हैं. पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैचलेट ने जिनेवा में मानवाधिकार परिषद के 42वें सत्र में जम्मू कश्मीर में बिगड़ती स्थिति को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी की. बैचलेट ने दोनों देशों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कश्मीर के लोगों के मानवाधिकार का सम्मान और रक्षा की जाये.

भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के लिए अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के निर्णय के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. पाकिस्तान ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जतायी थी. बैचलेट ने कहा कि उनके कार्यालय को नियंत्रण रेखा के दोनों तरफ की मानवाधिकार स्थिति को लेकर रिपोर्ट मिल रही है. मैं भारत सरकार के हाल के कदमों से कश्मीरियों के मानवाधिकार पर पड़े प्रभाव को लेकर अत्यंत चिंतित हूं जिसमें इंटरनेट संचार और शांतिपूर्ण सभा पर पाबंदी तथा स्थानीय नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जाना शामिल है. उन्होंने कहा, मैं भारत और पाकिस्तान की सरकारों से यह आग्रह करती हूं कि मानवाधिकारों का सम्मान और रक्षा हो.

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