
छह मुस्लिम देशों से आने वालों और सभी शरणार्थियों के लिए अमरीका ने नए वीज़ा नियम बनाए हैं.
ऐसे लोगों में अमरीकी वीज़ा हासिल करने के लिए 'क़रीबी' रिश्तेदारी या व्यावसायिक ज़रूरत बतानी होगी.
इससे ईरान, लीबिया, सीरिया, सोमालिया, सूडान और यमन प्रभावित होंगे. ये नियम गुरुवार से लागू होंगे.
नए नियम सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद जारी किए गए हैं जिसमें राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के यात्रा प्रतिबंध रोक को आंशिक तौर पर हटा लिया गया था.
इस विवादित आदेश पर निचली अदालत ने रोक लगा दिया था.
नए नियमों के अनुसार, अगले 90 दिनों तक बिना 'क़रीबी' रिश्तेदारी, जिसमें अभिभावक, दंपत्ति, बच्चे, बेटे या बधू या भाई-बहन आते हैं, अमरीका में प्रवेश नहीं पाएंगे.
'क़रीबी' रिश्तेदारों की परिभाषा में बुजुर्ग अभिभावकों, दूर के रिश्तेदारों, भतीजों, भांजों, ससुराल के रिश्तेदारों, पोते-पोतियों को बाहर रखा गया है.
हालांकि नए नियमों में अमरीका के साथ व्यावसायिक और शैक्षणिक साझेदारी को छूट दी गई है.

हालांकि इस दिशा निर्देश में विशेषतौर पर लिखा गया है कि रिश्ता औपचारिक होना चाहिए और उसके दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे.
जिनके पास पहले से वैध वीज़ा है, उन पर इन नये नियमों का असर नहीं पड़ेगा.
अप्रभावित देशों के पासपोर्ट पर आने वाले दोहरी नागरिकता वाले लोगों को आने की इजाज़त होगी.
हालांकि कानूनविदों का कहना है कि जबतक सुप्रीम कोर्ट का अंतिम आदेश नहीं जाता, तबतक के लिए नए नियमों से संबंधित क़ानूनी मामलों की बाढ़ आ जाएगी.
और सुप्रीम कोर्ट इस साल के अक्टूबर से पहले इस मामले की सुनवाई नहीं करेगी. यानी 90 दिनों तक ये नियम लागू रहेंगे.

कोर्ट ने अमरीका में शरणार्थियों के प्रवेश पर 120 दिनों के प्रतिबंध को भी इजाज़त दे ती है, इसलिए बिना क़रीबी रिश्तेदारी वाले शरणार्थियों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा.
मानवधिकार समूह पिछले पांच महीने से ट्रंप के ट्रैवल बैन के ख़िलाफ़ क़ानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.
ट्रंप का कहना है कि उनका देश, चरमपंथियों को प्रवेश में आने से रोकने के लिए जारी किया गया था, लेकिन आलोचकों का कहना है कि ये मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए किया गया है.
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