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साइंटिस्ट प्रोफेसर गगनदीप कांग ने कहा, कोरोना वायरस से भारतीयों को घबराने की जरूरत नहीं

कोरोना वायरस के संक्रमण ने भारत में अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है. देश में अब तक इसकी चेपट में करीब 30 लोगों के आने की पुष्टि की गयी है. इस वायरस के संक्रमण की चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार की ओर से एहतियाती कदम उठाये जा रहे हैं. इस बीच, महिला वैज्ञानिक गगनदीप कांग ने कहा है कि इस वायरस से भारतीयों को डरने की जरूरत नहीं है.

नयी दिल्ली : कोरोना वायरस से संक्रमित पांच में से चार लोग अपने आप ठीक हो जाते हैं और फिलहाल भारत के लोगों को वायरस के फैलने को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. पिछले साल रॉयल सोसाइटी ऑफ लंदन की सदस्य चुनी गयीं पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक और क्रिश्चयन मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर गगनदीप कांग ने एक साक्षात्कार में कहा कि बीमारी की जांच भी सलाह दिये जाने के बाद ही करवानी चाहिए. भारत में भी कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 30 हो गये हैं, जिनमें 16 इटली के पर्यटक भी शामिल हैं.

कोरोना को लेकर गगनदीप ने कहा कि इस समय सभी उपचार कारगर नहीं हैं, लेकिन ये मददगार हैं. उन्होंने कहा कि पांच में से चार लोग अपने आप ही ठीक हो जाते हैं और ऐसे संक्रमितों को खांसी और बुखार के लिए केवल ‘पेरासिटामोल’ जैसी दवाएं ही काफी हैं. कांग ने कहा, ‘पांचवें आदमी को डॉक्टर को दिखाने अथवा अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ सकती है. अगर आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाना चाहिए.’

उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को घबराने या चिंता करने की जरूरत नहीं है. हम हर दिन कई तरह के वायरस के संपर्क में आते हैं. अपने हाथों को अच्छे से धोएं और फर्श पर भी कीटाणुनाशक का पोछा लगाएं. अपने चेहरे को छूने से बचें. कोरोना वायरस (सीओवी) असल में वायरसों का एक बड़ा परिवार है, जिसके चलते सामान्य जुकाम से लेकर सांस संबंधी गंभीर परेशानी हो सकती है.

उन्होंने कहा कि दुनियाभर में 90 हजार से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लेकर तीन हजार से अधिक लोगों की जान लेने वाला कोरोना वायरस इससे पहले कभी नहीं देखा गया. नमूने लेने के बाद वायरस संक्रमण की जांच के नतीजे आने में करीब 12-24 घंटे का समय लगता है. कांग ने कहा कि इस समय देखने में आया है कि अन्य फ्लू के मुकाबले कोरोना से बच्चों में गंभीर बीमारी नहीं होती है.

उन्होंने बताया कि ये वायरस बुजुर्गों या फिर ऐसे लोगों में जो उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय संबंधित बीमारियों से ग्रसित हैं, के लिए खतरनाक है. कांग ने इस बात पर जोर दिया कि अगर किसी को लगता है कि वह कोरोना वायरस के संपर्क में आया है, तो उसे तुरंत जन स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचना देनी चाहिए.

उन्होंने बताया कि वतर्मान में इस बीमारी से लड़ने के लिए कोई टीका नहीं है, लेकिन कई पर काम किया जा रहा है. अगर टीके को विकसित करने के प्रयास सही दिशा में जाते हैं, तो अगले साल तक टीका तैयार किया जा सकता है. कांग ने सलाह दी कि अगर आपको बुखार अथवा जुकाम है, तो बेहतर होगा कि आप घर से ही काम करें. उन्होंने बताया कि छींकने और खांसने वाले लोगों से करीब 10 फीट की दूरी पर रहें.

KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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