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मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर पर गृह मंत्रालय ने क्यों लगाया प्रतिबंध? मसर्रत आलम गुट के थे खतरनाक मंसूबे

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट) के मंसूबे जम्मू-कश्मीर को भारत से आजाद कराना, उसका पाकिस्तान में विलय कराना और इस्लामी शासन स्थापित करना है.

केंद्र सरकार ने मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट) को कड़े आतंकवाद रोधी कानून के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया है. प्रतिबंधित किए गए इस संगठन के नेता मसर्रत आलम भट को भारत विरोधी और पाकिस्तान के समर्थन में एजेंडा चलाने के लिए जाना जाता है.

मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर पर क्यों लगाया गया प्रतिबंध

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि देश में आतंक का राज कायम करने के इरादे से जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में संगठन की संलिप्तता के मद्देनजर यह प्रतिबंध लगाया गया है.

मुस्लिम लीग के खतरनाक मंसूबे

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट) के मंसूबे जम्मू-कश्मीर को भारत से आजाद कराना, उसका पाकिस्तान में विलय कराना और इस्लामी शासन स्थापित करना है. गृह मंत्रालय ने कहा कि मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट) और इसके सदस्य देश की संवैधानिक सत्ता और व्यवस्था के प्रति अनादर दिखाते हैं और उनकी गैरकानूनी गतिविधियां भारत की अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए खतरा है.

Also Read: मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर पर प्रतिबंध, बोले अमित शाह- राष्ट्र विरोधी कोई भी काम बर्दाश्त नहीं

देश की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंध लगाने की घोषणा करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का संदेश बिल्कुल स्पष्ट है कि देश की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. शाह ने ‘एक्स’ पर लिखा, मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट) को यूएपीए के तहत एक ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया गया है। इस संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, यह संगठन आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करता है और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाता है.

प्रतिबंध अगले पांच साल तक प्रभावी

प्रतिबंध आधिकारिक गजट में प्रकाशन की तारीख से पांच साल की अवधि तक अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा. मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार इस वर्ष अब तक आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत चार संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया है और छह व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया गया है.

मसर्रत आलम भट 2010 से जेल में हैं बंद

मसर्रत आलम भट कश्मीर घाटी में हिंसक विरोध प्रदर्शन में कथित संलिप्तता के लिए 2010 से जेल में है. भट पर 2010 में कश्मीर में हिंसक विरोध प्रदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया गया था. विरोध प्रदर्शन में 100 से अधिक युवाओं की मौत हो गई थी.

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