36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

क्या होगा जब हवा में फैलने लगेगा कोरोना का संक्रमण ?

coronavirus is airborne, 239 scientists from 32 countries warned , coronavirus : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से जहां पूरी दुनिया परेशान है, वहीं 32 देशों के 200 से अधिक वैज्ञानिकों के कोविड -19 प्रसार को लेकर किये गये नये खुलासे ने टेंशन बढ़ा दी है. वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से कहा कि वायरस के वायुजनित होने के सबूत मौजूद हैं और एक छोटा कण भी लोगों को संक्रमित कर सकता है.

नयी दिल्‍ली : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से जहां पूरी दुनिया परेशान है, वहीं 32 देशों के 200 से अधिक वैज्ञानिकों के कोविड -19 प्रसार को लेकर किये गये नये खुलासे ने टेंशन बढ़ा दी है. वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से कहा कि वायरस के वायुजनित होने के सबूत मौजूद हैं और एक छोटा कण भी लोगों को संक्रमित कर सकता है.

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने अभी तक खांसने और छींकने को ही कोरोना वायरस फैलने का मुख्य कारण बताया है. ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार लोगों के वापस बार, रेस्तरां, कार्यालयों, बाजार और कसिनो जाने से विश्व स्तर पर कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं और इसमें इस प्रवृत्ति की लगातार पुष्टि हुई है कि वायरस बंद जगहों पर ठहर जाता है और आस-पास के लोगों को संक्रमित करता है.

वैज्ञानिकों ने डब्ल्यूएचओ को क्‍या कहा ?

मालूम हो 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने डब्ल्यूएचओ को लिखे एक खुले पत्र में लोगों को संक्रमित करने की छोटे कणों की भी क्षमता रेखांकित की और एजेंसी से अपने सुझावों में बदलाव करने की अपील की है. उसने कहा कि अनुसंधानकर्ता इसे अगले सप्ताह किसी वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित करने की योजना भी बना रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन लगातार इस बात पर जार देता रहा है कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से ही फैलता है, लेकिन 29 जून को एक अद्यतन रिपोर्ट में उसने कहा था कि वायरस वायुजनित तभी हो सकता है जब चिकित्सकीय प्रक्रिया के बाद ‘ऐरोसॉल’ या ‘ड्रोपलेट’ पांच माइक्रोन से छोटे हैं.

स्वास्थ्य एजेंसी ने खांसने और छींकने से संक्रमण फैलने के दावे को आधार बनाते हुए मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाने और हाथ धोते रहने जैसे सुझाव दिए हैं.

क्‍या होगा जब हवा में फैलने लगता है कोरोना का संक्रमण

यदि महामारी का संक्रमण हवा में फैलने लगेगा तो इसके कई प्रभाव हो सकते हैं. विशेष रूप से खराब वेंटिलेशन के साथ भीड़ वाले स्थानों में तो रोकथाम के लिए परिणाम महत्वपूर्ण होंगे. बंद जगहों पर भी मास्क पहनने की जरूरत पड़ेगी, यहां तक कि सामाजिक दूरी कायम रखते हुए भी. स्वास्थ्य कर्मियों को एन95 मास्क की जरूरत होगी ताकि कोरोना वायरस संक्रमितों के सूक्ष्म ‘ड्रोपलेट’ भी फिल्टर हो सकें.

posted by – arbind kumar mishra

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें