Vehicle Horn New Rule: शहरों की सड़कों पर रोजाना सुनाई देने वाले तेज़ और कर्कश हॉर्न की आवाज़ों से जल्द ही राहत मिल सकती है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ऐलान किया है कि सरकार एक नया कानून लाने की तैयारी में है. जिसके तहत वाहनों में इस्तेमाल होने वाले हॉर्न भारतीय शास्त्रीय वाद्ययंत्रों की ध्वनि पर आधारित होंगे. यानी भविष्य में जब कोई गाड़ी हॉर्न बजाएगी, तो शायद बांसुरी, तबला, वायलिन या हारमोनियम जैसी मधुर आवाज़ सुनाई दे.
ट्रैफिक में शांति लाने की पहल
गडकरी ने कहा कि तेज और तीखी आवाज़ों वाले हॉर्न लोगों की मानसिक शांति भंग करते हैं और इससे ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ता है. इसलिए सरकार अब वाहनों के हॉर्न को ‘संगीतमय’ बनाने की दिशा में कदम उठा रही है। इस फैसले का उद्देश्य लोगों को ध्वनि प्रदूषण से राहत दिलाना और ट्रैफिक अनुभव को बेहतर बनाना है.
अभी तो म्यूजिकल हॉर्न पर है जुर्माना!
गौरतलब है कि सेंट्रल व्हीकल एक्ट 1989 के तहत अभी म्यूजिकल हॉर्न लगाना नियमों के विरुद्ध है और ऐसा करने पर जुर्माना भी लगाया जाता है. लेकिन आने वाले समय में यह नियम बदल सकता है.
भारत बना तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार
उन्होंने यह भी बताया कि भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट बन चुका है. जो अमेरिका और चीन के बाद आता है. 2014 में जहां ऑटो सेक्टर का मार्केट वैल्यू 14 लाख करोड़ रुपये था. वह अब बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये हो गया है. तो अब सड़क पर हॉर्न सुनते ही चौंकिए मत, हो सकता है अगली बार कोई तबले की थाप या बांसुरी की धुन सुनाई दे!
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