Waste Plant in Kochi: केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने सोमवार को कहा कि पिछले दस से अधिक दिनों से कोच्चि के ब्रह्मपुरम वेस्ट डंपिंग यार्ड में आग लगने के बाद धुंआ होने के कारण वहां गंभीर स्वास्थ्य दिक्कतें हो रही हैं, जिससे 1000 लोग उस जगह को छोड़कर राज्य के दूसरे शहर में जा रहे हैं. इसके अलावा एक हजार से ज्यादा अस्पताल में भर्ती हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय से समाधान निकालने को कहा
केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि इस संबंध में मैं स्वास्थ्य मंत्री डॉ.मनसुख मांडविया से मिला और उन्होंने इस बारे में भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय से राज्य की रिपोर्ट लेने और समाधान निकालने को कहा है. इससे पहले रविवार को एर्नाकुलम जिला कलेक्टर ने कहा कि ब्रह्मपुरम आग से कम से कम 95 फीसदी धुएं को नियंत्रित कर लिया गया है. सोमवार को आग को पूरी तरह बुझ जाने की उम्मीद है. कलेक्टर ने बताया कि ज्वलनशील गैसों की वजह से सुदूर क्षेत्रों में अभी आग लग सकती है. इस स्थिति से निपटने के लिए एक विशेष कार्य योजना तैयार की जाएगी.
केंद्रीय मंत्री ने की कोच्चि निगम को भंग करने की मांग
वहीं, केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने रविवार को कोच्चि निगम के अपशिष्ट प्रबंधन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. उन्होंने मांग की कि कोच्चि के महापौर को ब्रह्मपुरम अपशिष्ट संयंत्र में लगी आग की घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए. आग 2 मार्च को लगी थी. पिछले हफ्ते केरल हाई कोर्ट ने भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अपशिष्ट संयंत्र में हर साल होने वाली आग की घटनाओं से निपटने के लिए किए गए उपायों के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया है. मुरलीधरन ने कहा, यह भ्रष्टाचार का मामला है. अनुबंध एक सीपीआईएम नेता के रिश्तेदार को दिया गया था. उन्होंने कोच्चि निगम को भंग करने की मांग की. बताते चलें कि 5 मार्च को एर्नाकुलम के जिला प्रशासन ने कोच्चि निगम, नगर पालिकाओं और ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले सभी स्कूलों की छुट्टी घोषित की. क्योंकि, साइट से निकलने वाले जहरीले धुएं के गुबार शहर को घेरे हुए थे.