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कोरोना Omicron वैरिएंट ने दी भारत में दस्तक, कर्नाटक में मिले दो संक्रमित, सरकार ने दी चेतावनी

डब्ल्यूएचओ के अनुसार यूरोप में कोरोना प्रोटोकोल में ढील दी गयी और नियमों का सही ढंग से पालन नहीं किया जिसकी वजह से वहां संक्रमण और मौत ज्यादा हुए हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि देश में कोरोना वायरस के नये वैरिएंट ओमिक्रोन के दो मरीज मिले हैं. ये दोनों मरीज कर्नाटक राज्य से मिले हैं इनकी रिपोर्ट देर रात आयी थी. संक्रमित व्यक्ति में एक 66 साल के और दूसरे 46 साल के व्यक्ति हैं. लव अग्रवाल ने कहा कि इस वायरस से बचाव के लिए हमें कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा.

लव अग्रवाल ने कहा कि देश में ओमिक्रोन वैरिएंट के दो मरीज मिले हैं लेकिन यह डरने वाली स्थिति नहीं है, बल्कि हमें सावधान रहना है. हमें कोरोना प्रोटोकॉल यानी मास्क पहनना, सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना बहुत जरूरी है क्योंकि यही हमें ओमिक्रोन वैरिएंट से बचा सकता है. ओमिक्रोन वैरिएंट के बारे में जानकारी बहुत कम है, अभी इस वैरिएंट से हमें कितना नुकसान हो सकता है इसके बारे में विस्तार से जानकारी नहीं है. लेकिन इस वायरस के म्यूटेशन को देखकर यह कहा जा सकता है कि यह वायरस बहुत संक्रामक है.

विदेश से आने वालों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट जरूरी

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया कि अभी तक 29 देश में यह वैरिएंट मिला है. कुल 373 मरीज अबतक इस वैरिएंट के मिले हैं. 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रोन का पहला मरीज मिला था उसके बाद देश में अंतरराष्ट्रीय उड़ान से आने वालों पर कड़ी नजर रखी जाने लगी. विदेश से आने वाले यात्रियों का आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जा रहा है, ताकि संक्रमित की पहचान हो सके. इसके साथ ही संक्रमितों के संपर्क में आने वालों की पहचान की गयी है और उनका टेस्ट किया जा रहा है.

संक्रमितों में नहीं दिखते गंभीर लक्षण

ओमिक्रोन संक्रमित लोगों में बीमारी के गंभीर लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं. मरीजों में सिर दर्द, थकान जैसे लक्षण उभर रहे हैं और यह बीमारी 40 साल से कम के लोगों को अपनी गिरफ्त में ज्यादा ले रहा है और अभी तक इसकी वजह से अस्पताल में भरती होने की जरूरत नहीं पड़ी है.

देश में घटे हैं कोरोना संक्रमण के मामले

एक माह से कोरोना के मामले लगातार घट रहे हैं और देश में 55 प्रतिशत एक्टिव केस महाराष्ट्र और केरल से हैं. 15 जिलों में संक्रमण दर 10 प्रतिशत है और 49 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन का दोनों डोज लग गया है. आज के परिदृश्य में अगर हम देखें तो कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक मामले 70 प्रतिशत केस यूरोप से हैं और यहां मौत की संख्या भी बहुत बढ़ी है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार यूरोप में कोरोना प्रोटोकोल में ढील दी गयी और नियमों का सही ढंग से पालन नहीं किया जिसकी वजह से वहां संक्रमण और मौत ज्यादा हुए हैं.


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कोरोना प्रोटोकॉल ही बचाव का उपाय

लव अग्रवाल ने कहा कि हम आपको यह डाटा इसलिए दिखा रहे हैं, क्योंकि पिछले दो साल से हमने जो स्थिति परिस्थिति देखी है उसके आधार पर हम यह कह सकते हैं अगर हम कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते रहे, तो केस कम होंगे और हम सुरक्षित रहेंगे. लड़ाई में हमने कोई कोताही नहीं बरती है और लगातार कई कार्यक्रम चलाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं और लगातार वैक्सीनेशन को बढ़ा रहे हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
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