पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने कहा है कि पराली जलाने के मामले में किसानों पर दर्ज सभी केस वापस लिए जाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने किसानों से पराली न जलाने का आग्रह किया है. सीएम चन्नी ने कहा है कि पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ता है. हालांकि सीएम चन्नी ने यह भी कहा है कि पराली जलाने पर सराकर सख्त होगी.
यहीं नहीं, मुख्यमंत्री चन्नी ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदेश में किसानों के खिलाफ दर्ज हुए सभी मामलों को भी रद्द करने की बात कही है. सीएम चन्नी ने कहा कि किसानों पर दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे. वहीं, उन्होंने कपास की फसल के नुकसान के लिए दिए जाने वाली मुआवजे की रकम को भी बढ़ाकर 17 हजार रुपये प्रति एकड़ कर दिया है. इससे पहले 12,000 रुपये प्रति एकड़ से मिलता था.
इधर, दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के सभी राज्यों को बढ़ते प्रदूषण के लिए फटकार लगाई. बढ़ते प्रदूषण के लिए पराली जलाने को भी बड़ा जिम्मेदार बताया गया. गौरतलब है कि पंजाब, यूपी, एसपी हरियाणा में पराली जलाने से दिल्ली की भी हवा प्रदूषित हो रही है.
बता दें, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार न अगली कारीख तक सभी स्कूल-कॉलेज और शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया है. सरकारी कर्मचारियों को सौ फीसदी घर से काम करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा ग्यारह में से छह थर्मल पावर प्लांट को बंद कर गकर दिया गया है. कारखानों में कोयला और अन्य प्रदूषण फैसाने वाले ईंधन को जलाने पर रोक लगा दी है. साथ ही दिल्ली के अंदर ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
Posted by: Pritish Sahay