Shashi Tharoor On Surgical Strike: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने शशि थरूर पर ताजा हमला बोला है. खेड़ा ने थरूर की किताब पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर का एक अंश साझा किया और विवाद को गहरा कर दिया. 2018 में थरूर ने अपनी किताब में मोदी सरकार की आलोचना की थी, जिसमें उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाया था. खेड़ा ने एक्स पर किताब के अंश को साझा किया और लिखा, मैं थरूर के विचार से सहमत हूं.
थरूर ने सर्जिकल स्ट्राइक पर क्या दिया था बयान?
5 देशों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा था कि भारत ने पहली बार आतंकवादी ठिकानों पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया था. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था.
थरूर ने आलोचकों को दिया करारा जवाब
कांग्रेस नेताओं द्वारा आलोचना किए जाने पर शशि थरूर ने कहा कि जो कट्टरपंथी नियंत्रण रेखा के पार भारतीय वीरता की उनकी समझ पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि वह स्पष्ट रूप से केवल आतंकी हमलों के जवाब में की गई कार्रवाइयों की बात कर रहे थे, न कि पहले हुए युद्धों की. थरूर ने कहा कि उनकी टिप्पणी से पहले हाल के वर्षों में हुए कई हमलों का जिक्र किया गया था, जिनके दौरान भारत की पिछली प्रतिक्रियाएं नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के प्रति सम्मान के कारण संयमित और सीमित थीं.
मेरे पास करने के लिए बेहतर काम हैं : थरूर
आलोचना का जवाब देते हुए थरूर ने कहा, “पनामा में एक लंबे और सफल दिन के बाद, मुझे आधी रात को यहां का दौरा संपन्न कर छह घंटे बाद बोगोटा, कोलंबिया के लिए रवाना होना है, इसलिए मेरे पास वास्तव में इसके लिए समय नहीं है. लेकिन फिर भी: ‘‘उन कट्टरपंथियों के लिए जो अतीत में नियंत्रण रेखा के पार भारतीय वीरता के बारे में मेरी कथित अज्ञानता के बारे में चिल्ला रहे हैं- 1. मैं स्पष्ट रूप से केवल आतंकवादी हमलों के प्रतिशोध के बारे में बोल रहा था, न कि पिछले युद्धों के बारे में.” थरूर ने कहा, “मेरी टिप्पणियों में पहले हाल के वर्षों में हुए कई हमलों का उल्लेख किया गया था, जिनके दौरान पिछली भारतीय प्रतिक्रियाएं नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के प्रति हमारे जिम्मेदारीपूर्ण सम्मान के कारण संयमित और सीमित थीं.” उन्होंने कहा, “लेकिन हमेशा की तरह, आलोचकों और ट्रोल का मेरे विचारों और शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का स्वागत है. मेरे पास करने के लिए वास्तव में बेहतर काम हैं. शुभ रात्रि.”
शशि थरूर कई मौकों पर कांग्रेस की नीतियों और नेतृत्व पर उठा चुके हैं सवाल
शशि थरूर अपने बयान को लेकर पहली बार पार्टी नेताओं के निशाने पर नहीं हैं, बल्कि इससे पहले थरूर कई मौकों पर कांग्रेस की नीतियों और नेतृत्व पर सवाल उठा चुके हैं. थरूर उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्हें 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में व्यापक सुधारों की मांग की थी. 23 बागी नेताओं के समूह को जी23 का नाम दिया गया था. इस कदम को पार्टी के गांधी परिवार के प्रति असंतोष के रूप में देखा गया. इसके बाद 2022 में थरूर ने पार्टी अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था. इस कदम को पार्टी के भीतर उनकी स्वतंत्र छवि और गांधी परिवार के प्रति गैर-निष्ठावान रुख के रूप में देखा गया. इसके अलावा थरूर ने केरल में कांग्रेस नेतृत्व पर भी सवाल उठाया था और खुद को पार्टी के नेतृत्व के लिए सबसे स्वीकार्य नेता बताया था. थरूर के इस कदम को भी बागी के रूप देखा गया था.
कांग्रेस नेता उदित राज ने शशि थरूर को बीजेपी का सुपर प्रवक्ता बताया
कांग्रेस नेता उदित राज ने शशि थरूर पर हमला करते हुए उन्हें बीजेपी का सुपर प्रवक्ता बनाने की मांग की दी थी. उदित राज ने सर्जिकल स्ट्राइक पर थरूर की टिप्पणी को लेकर एक्स पर पोस्ट किया, “प्रिय शशि थरूर, अफसोस! मैं प्रधानमंत्री मोदी से कह सकता हूं कि वह आपको भाजपा का मुख्य प्रवक्ता घोषित कर दें, यहां तक कि भारत लौटने से पहले आपको विदेश मंत्री भी घोषित कर दें. आप यह कहकर कांग्रेस के स्वर्णिम इतिहास को बदनाम कैसे कर सकते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी से पहले भारत ने कभी भी नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पार नहीं की.’’
जिस पार्टी ने आपको इतना कुछ दिया, उसके प्रति आप इतने बेईमान कैसे हो सकते हैं : उदित राज
उदित राज ने कहा, “1965 में भारतीय सेना ने कई स्थानों पर पाकिस्तान में प्रवेश किया, जिसने लाहौर सेक्टर में पाकिस्तानियों को पूरी तरह से चौंका दिया था. 1971 में भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान कई ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की गईं, लेकिन इसको राजनीतिक रूप से भुनाने के लिए ढोल नहीं पीटा गया.” उदित राज ने कहा, ‘‘जिस पार्टी ने आपको इतना कुछ दिया, उसके प्रति आप इतने बेईमान कैसे हो सकते हैं?’’