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Republic day 2021 : संविधान सभा के वो सदस्य जिन्होंने हमें दिलाया दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र का गौरव

republic day,republic day 2021,26 january, republic day speech, 26 january 2021 : हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता, प्राप्त कराने के लिए...

हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता, प्राप्त कराने के लिए…

यह पंक्तियां हमारे संविधान की प्रस्तावना से ली गयी हैं. 26 जनवरी 1950 को जब देश ने अपने संविधान को अंगीकार किया था, तो वह अवसर था गौरव का. आज भी जब हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं , तो हमें दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र के आन-बान और शान का अनुभव होता है. आज जबकि हम एक बार फिर गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं, हम नमन करते हैं उन महानुभवों को जिनकी बदौलत हमें इतना बेहतरीन संविधान मिला, जिसके दम पर यह देश सुरक्षित और एकजुट है. तो आइए याद करते हैं उन महान व्यक्तिव को:-

डॉ भीमराव अंबेडकर : डॉ भीव राव अंबेडकर संविधान का मसौदा तैयार करने वाली कमेटी के अध्यक्ष थे. संविधान निर्माण में इनकी अहम भूमिका है, इन्होंने स्त्री अधिकारों, विवाह, अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के अधिकारों को लेकर भी संविधान सभा में काफी बहस की और उनके प्रयासों से दलितों और महिलाओं का उनका हक मिला.

पंडित नेहरू: पंडित जवाहर लाल नेहरू ने आधुनिक भारत की नींव रखी थी और उनके निर्णयों और प्रयासों से आज भारत इस मुकाम तक पहुंच पाया है. वे संविधान सभा में राज्यों की समिति, संघीय शक्ति समिति और संघीय संविधान समिति के अध्यक्ष थे.

रदार पटेल : संविधान निर्माण में सरदार पटेल की भूमिका भी महत्वपूर्ण है. इन्होंने देसी रियासतों के एकीकरण का महत्वपूर्ण काम किया और पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधा. अपने निर्णयों की वजह से उन्हें लौह पुरुष कहा जाता है.

सरोजिनी नायडू : संविधान सभा की महिला सदस्यों में सरोजिनी नायडू सर्वप्रमुख थीं. इन्होंने संविधान सभा की पहली बैठक में भी मौजूद थीं. बंगाल विभाजन के दौरान ये कांग्रेस में शामिल हुईं और आजादी की लड़ाई में सक्रिय रहीं.इन्होंने संविधान सभा में महिला अधिकारों की भरपूर वकालत की जिसकी वजह से महिलाओं को कई महत्वपूर्ण अधिकार मिले.

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आचार्य कृपलानी : आचार्य कृपलानी संविधान सभा में मूलभूत अधिकारों की उपसमिति के अध्यक्ष थे. इनका जन्म 11 नवंबर 1888 को हुआ था. ये मशहूर गांधीवादी, समाजवादी, पर्यावरणविद् और जमीन से जुडे़ स्वतंत्रता सेनानी थे. इन्होंने बिहार के मुजफ्फरपुर कॉलेज, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य किया था.

डॉ राजेंद्र प्रसाद : डॉ राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति थे और संविधान सभा के अध्यक्ष थे. संविधान का निर्माण पूरी तरह इनकी देखरेख में ही हुआ था. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884 को बिहार में हुआ था.

Posted By : Rajneesh Anand

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