Red Fort blast: दिल्ली पुलिस के अनुसार, दिल्ली के रेड फोर्ट ब्लास्ट की जांच में पता चला है कि धमाके वाली कार के ड्राइवर यानी डॉ. उमर उन-नबी हमले से लगभग 11 दिन पहले फरीदाबाद की एक मोबाइल दुकान में दिखाई दिया था. नए सीसीटीवी फुटेज में वह कम से कम दो मोबाइल फोन के साथ नजर आ रहा है. CCTV फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. मामले की जांच कर रहे अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मामले की गहरी साजिश की जांच के लिए दूसरी एफआईआर दर्ज की है. पहली एफआईआर को NIA को सौंप दिया गया था.
⚡ Delhi Blast:
— OSINT Updates (@OsintUpdates) November 15, 2025
New CCTV footage from Faridabad shop has revealed the movements of JeM terrorist bomber Dr Umar Nabi in the days leading up to the Red Fort blast that killed 13 people.
The video shows Umar sitting at a shop, giving one of his two mobile phones to a shopkeeper… pic.twitter.com/UvwK7KYmkS
अल-फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस
इसी बीच, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के आरोपों में दो नई एफआईआर दर्ज की हैं. क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि ये मामले सरकार और लोगों को कॉलेज की फर्जी मान्यता देने से जुड़े हैं. यूनिवर्सिटी ने UGC और NAAC को गुमराह करने के लिए फर्जी दस्तावेज भी जमा किए. संस्थानों द्वारा समीक्षा के बाद जब ये गड़बड़ियां सामने आईं, तो पुलिस ने एफआईआर दर्ज की.
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रेड फोर्ट के पास धमाका, 12 लोगों की मौत
10 नवंबर को नबी द्वारा चल रही एक हुंडई i20 कार में रेड फोर्ट के पास धमाका हो गया. इस धमाके में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई. जांच एजेंसियों के मुताबिक, उमर पुलिस से छिप रहा था क्योंकि उसके साथी और डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनाई के अलावा अदील राठर को एक संदिग्ध आतंक मॉड्यूल की जांच में गिरफ्तार किया गया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद करीब 3000 किलो विस्फोटक भी बरामद किए गए.

