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गहलोत सरकार को एक और झटका, दो और विधायक हुए बागी, फ्लोर टेस्ट में नहीं होंगे शामिल

Rajasthan crisis, Ashok Gehlot government, two MLA of the Tribal Party of India, not be present in the floor test, राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल छटने का नाम नहीं ले रहा है. उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बागी तेवर के बाद अशोक गहलोत सरकार खतरे में आ गयी है. एक ओर सीएम गहलोत और कांग्रेस आलाकमान सरकार बचाने में जुटी है, तो दूसरी ओर भाजपा ने फ्लोर टेस्ट की मांग रख दी है.

जयपुर : राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल छटने का नाम नहीं ले रहा है. उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बागी तेवर के बाद अशोक गहलोत सरकार खतरे में आ गयी है. एक ओर सीएम गहलोत और कांग्रेस आलाकमान सरकार बचाने में जुटी है, तो दूसरी ओर भाजपा ने फ्लोर टेस्ट की मांग रख दी है. फ्लोर टेस्ट की चर्चा के बीच अशोक गहलोत सरकार को एक और झटका लगा है. भारतीय ट्राइबल पार्टी ने अपने दोनों विधायकों को कहा है कि वे विधानसभा के फ्लोर टेस्ट में भाग नहीं लेंगे. पहले इन दोनों विधायकों का समर्थन अशोक गहलोत सरकार को था.

इधर अशोक गहलोत ने आज अपने आवास पर कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई थी, जिसमें सचिन पायलट गुट के विधायक शामिल नहीं हुए, हालांकि गहलोत का दावा है कि उनके समर्थन में 109 विधायक हैं और सभी को इस वक्त होटल में रखा गया है. हालांकि आशोक गहलोत और कांग्रेस को उस समय झटका लगा, जब राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा ने साफ कर दिया कि वो सचिन पायलट के साथ हैं.

इस बीच भाजपा ने अशोक गहलोत पर बड़ा हमला किया और फ्लोर टेस्ट की मांग की. भाजपा के उपाध्यक्ष एवं राजस्थान के प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने प्रदेश में चल रही सियासी उठापटक को कांग्रेस का अंदरूनी मसला बताया. उन्होंने कहा, विधायकों की गिनती के लिए सड़क, रेजॉर्ट या होटल नहीं बल्कि विधानसभा उपयुक्त स्थान है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का ही एक गुट दावा कर रहा है कि सरकार अल्पमत में है जबकि दूसरा गुट बहुमत होने का दावा कर रहा है. उन्होंने कहा, इनका ही एक गुट कह रहा है कि सरकार के पास बहुमत नहीं है. हमने तो कुछ नहीं कहा. ये इनकी पार्टी का (अंदरूनी)मसला है. वे इसे सुलझाएं.

Also Read: Rajasthan crisis : सचिन पायलट गुट का दावा, गहलोत के समर्थन में केवल 84 विधायक
सचिन पायलट भाजपा के थोड़े हैं, वह कांग्रेस के हैं : अविनाश राय

अविनाश राय ने कहा, सचिन पायलट भाजपा के थोड़े ही हैं. वह कांग्रेस के हैं. कांग्रेस ही कह रही है. कांग्रेस का एक उप मुख्यमंत्री कह रहा है कि गहलोत के पास बहुमत नहीं है. दोनों पक्षों का अपना-अपना दावा है. भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा कि जब भी ऐसी परिस्थिति आती है तो उस समय गिनती सड़कों पर तो होती नहीं,…ना ही रेजॉर्ट या होटल में होती है. उन्होंने कहा, बहुमत साबित करने का जो स्थान है, वह विधानसभा है. जिसके लिए विधायक चुन कर आते हैं.

भाजपा के ही एक अन्य उपाध्यक्ष और राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले ओम माथुर ने भी मौजूदा घटनाक्रम को कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई बताया और कांग्रेस की राज्य सरकार के पास बहुमत होने के उसके दावे पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, ये उनकी अंदरूनी लड़ाई है. कलह है. ये कोई नई बात नहीं हैं. जिस दिन से सरकार बनी है उसी दिन से चल रही है. उस समय चिंगारी के समय किसी ने ध्यान नहीं दिया. वो लावा बनकर अब बाहर निकल रहा है. इनके घर की लड़ाई है. उन्होंने सवाल किया, अभी कौन सा फ्लोर टेस्ट हो रहा है जो कांग्रेसी संख्या बल दिखा रहे हैं..किसको दिखा रहे हैं? उन्होंने भी इस बात पर बल दिया, वास्तविक संख्या बल तो सदन में गिना जाएगा.

गौरतलब है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई थी. पायलट इस बैठक में नहीं पहुंचे. इस बैठक में कितने विधायक उपस्थित हुए इस बारे में कांग्रेस की ओर से हालांकि कुछ नहीं कहा गया किंतु आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया.

हालांकि कुछ पार्टी नेताओं का कहना है कि 106 विधायक वहां मौजूद थे. गहलोत के खिलाफ बागी तेवर अपनाये पायलट रविवार शाम यह दावा कर चुके हैं कि उनके साथ 30 से अधिक विधायक हैं और गहलोत सरकार अल्पमत में है. विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस के विधायकों का बसों द्वारा फेयरमॉन्ट होटल में ले जाया गया. इसे इस बात का संकेत माना जा रहा है कि राजस्थान का सियासी घमासान अभी थमा नहीं है.

Posted By – Arbind kumar mishra

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