Parliament: संसद के शीतकालीन सत्र में भी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दलों की ओर से जोरदार हंगामा किया गया. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा. हालांकि सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया कि वह हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है. लेकिन चर्चा के लिए कोई समयसीमा बताने से इंकार कर दिया. लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों की ओर से हंगामा शुरू हो गया. हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही को दो बार स्थगित किया गया और जब कार्यवाही दोबारा दो बजे शुरू हुई तो विपक्ष की ओर से एसआईआर पर चर्चा की मांग की जाती रही.
हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया. लोकसभा की कार्यवाही जब दो बजे शुरू हुई तो आसन पर बैठे दिलीप सैकिया ने विपक्षी सांसदों से कहा कि सरकार हर मसले पर चर्चा के लिए तैयार है. बिहार में एसआईआर के बाद हुए चुनाव परिणाम से सभी वाकिफ है. ऐसे में विपक्षी दलों को चर्चा के लिए तैयार रहना चाहिए. लोकसभा में हंगामे के कारण सेंट्रल एक्साइज संशोधन विधेयक पेश नहीं हो सका.
प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्षी सांसदों की ओर से हंगामा शुरू हो गया. हंगामे के बीच कुछ देर तक प्रश्नकाल चला, लेकिन बाद में इसे स्थगित कर दिया गया. सोमवार को भी संसद की कार्यवाही हंगामे के कारण नहीं चल पाई थी. हालांकि गतिरोध को दूर करने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बातचीत होती रही. आखिरकार दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति के बाद तय किया कि सोमवार को वंदे मातरम और मंगलवार को चुनाव सुधार पर व्यापक चर्चा होगी. इस सहमति के बाद उम्मीद है कि संसद का कामकाज सुचारू तौर पर चल सकेगा.
राज्यसभा में भी दिखा तकरार
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों की ओर से नियम 267 के तहत बाकी सभी काम रोककर एसआईआर पर तत्काल चर्चा की मांग की गयी. हालांकि राज्यसभा के सभापति ने लगभग 20 कार्यस्थगन प्रस्ताव को खारिज करते हुए शून्यकाल शुरू करने का निर्देश दिया. कार्यस्थगन प्रस्ताव खारिज होते ही विपक्षी दल वेल में आकर एसआईआर पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा करने लगे. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को पहले दो बजे तक स्थगित किया गया और फिर बुधवार तक लिए कार्यवाही को स्थगित करने की घोषणा की गयी. राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संसद में अन्य कार्यों को स्थगित कर एसआईआर पर तुरंत चर्चा होनी चाहिए. एसआईआर के दबाव के कारण देश में अब तक 28 बूथ लेवल अधिकारी आत्महत्या कर चुके है.
खड़गे ने कहा कि यह लोकतंत्र और नागरिकों के हित का सवाल है. ऐसे में इस मामले पर तत्काल चर्चा होना जरूरी है. विपक्ष की मांग पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार एसआईआर और चुनाव सुधार से जुड़े हर मामले पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष इस मामले में समय सीमा तय नहीं कर सकता है. सरकार और विपक्ष के बीच एसआईआर के मुद्दे पर तनाव को दूर करने के लिए बनी सहमति के बाद अब संभावना जतायी जा रही है कि आने वाले समय में सदन का कामकाज सुचारू तौर पर चल सकेगा.

