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श्रीलंका से भी बुरे हो जायेंगे भारत के हालात, महबूबा मुफ्ती ने मोदी सरकार को दी नसीहत

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आज जिस तरह से पत्रकारों, छात्रों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर देशद्रोह (Sedition Charges) के मुकदमे लगाये जा रहे हैं, वह बेहद गंभीर है. अगर इस पर अभी रोक नहीं लगी, तो हमारे देश के हालात श्रीलंका से भी बुरे हो जायेंगे.

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की चीफ महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (PM Narendra Modi Govt) को नसीहत दी है. उन्होंने कहा है कि भारत में इस वक्त जो चीजें हो रही हैं, उसे जल्द नहीं रोका गया, तो हालात बद से बदतर हो जायेंगे. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भारत के हालात श्रीलंका से भी बुरे हो जायेंगे.

छात्रों, पत्रकारों पर दर्ज हो रहे देशद्रोह के मुकदमे

महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि भारत में हिंदुओं को मुसलमानों से लड़ाया जा रहा है. समुदायों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश हो रही है. ऐसी ही चीजें श्रीलंका में हुई थी. अब वहां के हालात हम देख रहे हैं. आज जिस तरह से पत्रकारों, छात्रों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर देशद्रोह (Sedition Charges) के मुकदमे लगाये जा रहे हैं, वह बेहद गंभीर मामला है. अगर इस पर अभी रोक नहीं लगी, तो हमारे देश के हालात श्रीलंका से भी बुरे हो जायेंगे.

देशद्रोह कानून का हो रहा दुरुपयोग

पीडीपी चीफ ने कहा कि अगर कोई समाचार पत्र सरकार के खिलाफ रिपोर्टिंग करता है, तो उसके पत्रकारों पर देशद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है. कोई एक्टिविस्ट अगर सरकार के खिलाफ बात करता है, तो उसके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा लाद दिया जाता है. छात्र अगर नारेबाजी कर दें, तो उनको भी नहीं बख्शा जाता. उन्हें भी देशद्रोही करार दे दिया जाता है. इस तरह देश में देशद्रोह कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है.

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अल्पसंख्यकों पर हो रहे हैं अत्याचार

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस पर रोक लगाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं. उनके घरों को बुलडोजर से गिराया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने न्यायपालिका को भी कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की.


अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए आगे नहीं आ रही न्यायपालिका

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर जुल्म हो रहे हैं और न्यायपालिका उनकी सुरक्षा के लिए आगे नहीं आ रही है. ऐसी घटनाओं का कोर्ट स्वत: संज्ञान नहीं ले रहा है. इसका नतीजा यह है कि अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं. इसे रोकने की जरूरत है. पीडीपी चीफ ने उम्मीद जतायी कि शोषित-पीड़ित अल्पसंख्यकों को न्याय मिलेगी.

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