Manipur Violence: गृह मंत्रालय ने बताया, केंद्र, मणिपुर और कुकी-जो समूहों के बीच गुरुवार को त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर हुए. समझौते के तहत मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखा जाएगा. बैठक के बाद कुकी-जो परिषद ने मणिपुर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को यात्रियों और आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आवाजाही के लिए खोलने का फैसला किया है. यह निर्णय गृह मंत्रालय (एमएचए) के अधिकारियों और केजेडसी के एक प्रतिनिधिमंडल के बीच पिछले कुछ दिनों में नई दिल्ली में हुई कई बैठकों के बाद लिया गया है.
मणिपुर में स्थायी शांति पर भी बनी बात
मणिपुर में स्थायी शांति एवं स्थिरता लाने के लिए सरकार और कुकी समूह बातचीत के जरिए समाधान पर सहमत हुए. सरकार और कुकी समूह मणिपुर में संघर्ष की आशंका वाले क्षेत्रों से उग्रवादियों के 7 निर्धारित शिविरों को स्थानांतरित करने पर सहमत हुए.
हथियारों को सीआरपीएफ और बीएसएफ शिविरों में जमा करने पर भी बनी सहमति
गृह मंत्रालय ने बताया, “कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट ने संघर्ष की आशंका वाले क्षेत्रों से दूर सात निर्दिष्ट शिविरों को स्थानांतरित करने, निर्दिष्ट शिविरों की संख्या कम करने, हथियारों को निकटतम सीआरपीएफ और बीएसएफ शिविरों में स्थानांतरित करने और सुरक्षा बलों द्वारा कैडरों का कठोर भौतिक सत्यापन करने पर भी सहमति व्यक्त की है ताकि विदेशी नागरिकों (यदि कोई हो) को सूची से हटाया जा सके.”
पिछले दो साल से हिंसा की आग में जल रहा मणिपुर
मणिपुर पिछले दो साल से हिंसा की आग में जल रहा है. 3 मई 2023 को शुरू हुई हिंसा ने अब तक 258 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 1000 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा?
3 मई 2023 में हिंसा तब भड़की जब ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) दर्जा देने के विरोध में “ट्राइबल सॉलिडैरिटी मार्च” निकाला था. मार्च कुकी और नागा आदिवासियों द्वारा आयोजित किया गया था. मार्च के दौरान मैतेई और कुकी समुदाय के बीच झड़प हुई और हिंसा तेजी से पूरे राज्य में फैल गई.

