28.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

प्रथम राष्ट्रपति चुनाव में 23 राज्यों के विधायकों ने किया था मतदान, इतना था एक सांसद के वोट का मूल्य

President Election 1952: इस चुनाव में कुल 5 उम्मीदवार मैदान में थे, जिसमें एक महिला थी. थाट्टे लक्ष्मण गणेश 2,672 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. चौथे स्थान पर रहे हरि राम को 1,954 और कृष्णा कुमार चटर्जी को 533 वोट मिले थे. थाट्टे लक्ष्मण गणेश, हरि राम, कृष्णा कुमार चटर्जी की जमानत जब्त हो गयी.

President Election 1952: प्रथम राष्ट्रपति चुनाव वर्ष 1952 में संपन्न हुआ था. पहली बार हुए राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों के अलावा 23 राज्यों के विधायकों ने मतदान किया था. कुल 4,056 वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति चुने गये थे. उन्हें 5,07,400 वोट मिले थे. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी केटी शाह को 92,827 वोट मिले थे.

5 उम्मीदवार थे मैदान में

इस चुनाव में कुल 5 उम्मीदवार मैदान में थे, जिसमें एक महिला थी. थाट्टे लक्ष्मण गणेश 2,672 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. चौथे स्थान पर रहे हरि राम को 1,954 और कृष्णा कुमार चटर्जी को 533 वोट मिले थे. थाट्टे लक्ष्मण गणेश, हरि राम और कृष्णा कुमार चटर्जी की जमानत जब्त हो गयी थी.

Also Read: Special Story: राष्ट्रपति चुनाव में यूपी के बाद सबसे ज्यादा मूल्य इन राज्यों के विधायकों के वोट का
एक सांसद के वोट का मूल्य था 494

देश के पहले राष्ट्रपति के लिए हुए चुनाव में संसद के प्रत्येक सदस्य के पास 494 वोट थे. राज्य विधानसभाओं के हर सदस्य के लिए मतों की संख्या अलग-अलग राज्यों की जनसंख्या के आधार पर अलग-अलग थी. उस वक्त भी उत्तर प्रदेश के विधायकों के वोट का मूल्य सबसे अधिक 143 था. कूर्ग राज्य के विधायकों के मत का मूल्य सिर्फ 7 था. वोट मूल्य की गणना वर्ष 1951 की जनगणना के आधार पर की गयी थी.

6 मई 1952 को करायी गयी थी मतगणना

संसद के सचिव एमएन कौल रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किये गये थे. विभिन्न राज्य विधानसभाओं के सचिवों को सहायकर रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया था. पहले राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना 4 अप्रैल 1952 को जारी की गयी थी. 12 अप्रैल तक नामांकन दाखिल किये गये. 14 अप्रैल को नामांकनों की समीक्षा की गयी. नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 14 अप्रैल थी. 2 मई को दिन में 11 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान हुआ. 6 मई को मतगणना करायी गयी.

4 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीते डॉ राजेंद्र प्रसाद

डॉ राजेंद्र प्रसाद 4 लाख से अधिक मतों के विशाल अंतर से राष्ट्रपति निर्वाचित घोषित किये गये. उनके निर्वाचन की अधिसूचना 6 मई 1951 को ही जारी कर दी गयी. डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 13 मई 1952 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली और उसी दिन से कार्यभार संभाल लिया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें