Kiren Rijiju: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है. रिजिजू ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी भारत-विरोधी संगठनों और ताकतों के साथ मिलकर देश को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं.
भारत को अस्थिर करने की साजिश
ANI से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी बहुत खतरनाक रास्ते पर जा रहे हैं. जॉर्ज सोरोस ने भारत सरकार को अस्थिर करने के लिए एक ट्रिलियन डॉलर रखे हैं. कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और कई वामपंथी संगठनों से जुड़ी खालिस्तानी ताकतें भारत के खिलाफ साजिश कर रही हैं. राहुल गांधी और कांग्रेस उनके साथ खड़े हैं. यह बेहद चिंताजनक है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कोई देश को अस्थिर नहीं कर सकता है.
विपक्ष पर हमला
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब पार्टी चुनाव नहीं जीत पाती, तो विपक्ष और भारत विरोधी ताकतें मिलकर सरकार व संस्थाओं पर हमला करना शुरू कर देते हैं, जिससे जनता का विश्वास कमजोर हो. उन्होंने कहा कि वे न्यायपालिका और चुनाव आयोग को बदनाम करते हैं. यही वजह है कि बार-बार आंदोलन जैसी स्थिति पैदा होती है.
राहुल गांधी सुनते नहीं- रिजिजू
केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी के बयानों पर तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं, लेकिन विपक्ष की बुनियादी जिम्मेदारी भी नहीं निभा पा रहे. जब भी वे बोलते हैं, उनके सांसद असहज हो जाते हैं. उन्हें डर होता है कि राहुल गांधी कुछ बकवास न बोल दें और पार्टी को इसकी कीमत चुकानी पड़े. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को डांटा था जब उन्होंने प्रधानमंत्री को ‘चोर’ कहा था, राफेल के बारे में बकवास की थी और दावा किया था कि चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है. उन्हें एक भारतीय की तरह बोलना चाहिए. मैं राहुल गांधी को सुधारने वाला कोई नहीं होता.
बिल पर सरकार का रुख
प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को गंभीर आपराधिक आरोपों में 30 दिन की गिरफ्तारी की स्थिति में पद से हटाने वाले विधेयक पर रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इस कानून में छूट लेने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भी एक नागरिक हैं. नैतिकता का तकाजा है कि अगर कोई भी नेता गंभीर आरोपों में फंसे, तो उसे पद छोड़ना चाहिए. ज़्यादातर मुख्यमंत्री हमारी पार्टी के हैं। अगर वे कुछ गलत करते हैं, तो उन्हें अपना पद छोड़ना होगा. नैतिकता का भी कुछ मतलब होना चाहिए. अगर विपक्ष ने नैतिकता को केंद्र में रखा होता, तो वे इस विधेयक का स्वागत करते.
संसद न चलने पर विपक्ष को ठहराया जिम्मेदार
रिजिजू ने विपक्ष पर संसद न चलने देने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस को संसदीय बहस में कोई रुचि नहीं. कई विपक्षी सांसद भी मुझसे कहते हैं कि संसद ठप होने से वे अपने क्षेत्र की समस्याएं नहीं उठा पा रहे. अगर संसद नहीं चलती, तो नुकसान विपक्ष का है. सरकार राष्ट्रहित में बिल पारित करेगी.लेकिन अगर विधेयक बिना चर्चा के पारित हो जाते हैं, तो यह ठीक नहीं है. हम चर्चा में विश्वास करते हैं. नुकसान उनका है जिन्हें सवाल पूछने हैं.

