Indian Army: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत सरकार ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया, जिसमें आतंकियों के नौ प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट किया गया और कई आतंकवादियों को मार गिराया गया. देश में बढ़ते तनाव को देखते हुए छुट्टी पर गए सभी सैनिकों को सीमा पर लौटने का आदेश दिया गया है.
इसी क्रम में महाराष्ट्र के जलगांव जिले के पाचोरा तहसील के खेड़गांव नंदिचे गांव के निवासी सैनिक मनोज ज्ञानेश्वर पाटिल का उल्लेखनीय प्रसंग सामने आया है. मनोज की शादी 5 मई को यामिनी से हुई थी, लेकिन विवाह के तुरंत बाद उन्हें सेना में लौटने का निर्देश मिला. देशसेवा को सर्वोपरि मानते हुए उन्होंने पत्नी से वादा कर सीमा पर ड्यूटी के लिए प्रस्थान किया. मनोज के इस साहसिक फैसले की चारों ओर सराहना हो रही है.
"देश की रक्षा के लिए अपना सिंदूर भेज रही हूं" ये कहना है महाराष्ट्र के मनोज पाटिल की पत्नी का..मनोज शादी के तीन दिन बाद ही जंग के लिए वापिस ड्यूटी पर लौट गए।
— Naina Yadav (@NAINAYADAV_06) May 9, 2025
अभी तक फिल्मों में देखा था, नई नवेली दुल्हन भरी आंखों से अपने पति को जंग के मैदान में भारी मन से भेजती है।… pic.twitter.com/Kl2rbdoodP
जब मनोज को ड्यूटी पर लौटने का आदेश मिला, तब उनकी पत्नी के हाथों की मेहंदी भी नहीं सूखी थी. पचोरा रेलवे स्टेशन पर जब वे रवाना हो रहे थे, तो परिजन, रिश्तेदार और गांववाले भावुक हो उठे. उनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन बेटे की देशभक्ति पर गर्व भी झलक रहा था. स्टेशन पर उपस्थित लोगों ने देखा कि दुल्हन यामिनी सिंदूर और आंसुओं के साथ विदा कर रही थीं. उन्होंने गर्व से कहा – “मेरा सिंदूर मेरे देश के नाम.”
सैनिक मनोज पाटिल की यह देशभक्ति और यामिनी का त्याग समाज में प्रेरणा का स्रोत बन गया है. यह घटना न केवल क्षेत्र के लिए गौरव की बात है, बल्कि हर नागरिक को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहने की सीख भी देती है.
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