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14 साल की अनिका चेब्रोलु ने खोजा कोविड का इलाज! जानें इंडिया कनेक्शन

भारतीय-अमेरिकी किशोरी ने एक ऐसा आविष्कार किया है जो सार्स कोविड बीमारी के इलाज में काफी निर्णायक भूमिका निभा सकता है.

नयी दिल्ली: जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में है. लाखों लोग मारे जा चुके हैं. करोड़ों की संख्या में लोग बीमार हैं. हर किसी की जुबान पर यही सवाल है कि कोरोना का वैक्सीन कब आएगा. ऐसे वक्त में एक स्कूली बच्ची उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है.

भारतीय-अमेरिकी किशोरी ने एक ऐसा आविष्कार किया है जो सार्स कोविड बीमारी के इलाज में काफी निर्णायक भूमिका निभा सकता है. किशोरी का नाम अनिका चेब्रोलु है. इस खोज के लिए अनिका को 25 हजार डॉलर का पुरस्कार दिया गया है.

अनिका चेब्रोलु है यंग साइंटिस्ट का नाम

समाचार एजेंसी सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक आविष्कार करने वाली लड़की टेक्सास में रहती है. भारतीय मूल की अमेरिकी है. इस समय उसकी उम्र महज 14 साल है. लड़की का नाम अनिका चेब्रोलु है. अनिका ने अपने प्रोजेक्ट के साथ साल 2020 का यंग साइंटिस्ट चैलेंज जीता. इसके लिए अनिका को 25 हजार डॉलर का पुरस्कार भी मिला. जानकारी के मुताबिक कोरोना के खिलाफ जंग में अनिका का आविष्कार युगांतकारी साबित हो सकता है.

अनिका की खोज ऐतिहासिक साबित होगी

इस आविष्कार के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक अनिका ने एक लीड मॉलिक्युल की खोज की है. ये इन-सिलिको पद्दति के मुताबिक काम करता है. ये सार्स कोविड के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटिन को ढूंढ़कर उसका खात्मा कर देता है. बकौल अनिका, मैंने इस मॉलिक्युल को विकसित किया है.

इसके जरिए वायरस को एक निश्चित प्रोटिन के जरिए बांधा जा सकता है. इसकी बदौलत वायरस के स्पाइक प्रोटिन के विकसित होने की प्रक्रिया रूक जाएगी और मरीज का इलाज आसान हो जाएगा.

8वीं क्लास में ही अनिका ने बनाया था प्रोजेक्ट

अनिका ने बताया कि उन्होंने ये प्रोजेक्ट तब बनाया था जब वो 8वीं क्लास में पढ़ती थीं. अनिका के मुताबिक, जब उन्होंने ये प्रोजेक्ट बनाया था, उस वक्त दूर-दूर तक उनके मन में कोरोना वायरस और उसके इलाज की बात नहीं थी. जब कोरोना महामारी आई और दवा की खोज और इलाज का काम युद्धस्तर पर शुरू किया गया तब, मुझे समझ आएगा कि मेरा प्रोजेक्ट इस दिशा में किया जा रहा एक प्रयास था.

जानें, अनिका को कहां से मिली खोज की प्रेरणा

यंग साइंटिस्ट अनिका चेब्रोलु ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को बनाने में मेरे शिक्षकों ने मेरी काफी मदद की. अनिका ने बताया कि कोरोना वायरस ने जितनी तेजी और गंभीरता के साथ पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. इस बात ने उन्हें बचाव की दिशा में कुछ बढ़िया करने के लिए प्रेरित किया. बकौल अनिता, उनका प्रयास इस दिशा में काफी छोटा है लेकिन इससे इलाज की दिशा में और भी कई सारे अच्छे प्रयास किए जाने की प्रेरणा मिलेगी.

इस आविष्कार की प्रेरणा कहां से मिली, इसके जवाब में अनिता ने बताया कि कोविड की समस्या के गंभीर विस्तार और दुनिया भर में पीड़ित लोगों की अलग-अलग कहानियों ने उन्हें इस दिशा में कुछ प्रयास करने के लिए प्रेरित किया. आने वाले 15 वर्षों में अनिका खुद को मेडिकल शोधकर्ता और प्रोफेसर के तौर पर देखना चाहती हैं.

Posted By- Suraj Thakur

Prabhat Khabar Digital Desk
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