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Farmers Tractor Rally Violence : BJP ने कहा- ‘हम इन्हें अन्नदाता कह रहे थे, ये तो उग्रवादी निकले’, राहुल गांधी ने किया ये ट्वीट

farmers tractor rally violence : दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड (Farmers Tractor Rally) के दौरान जमकर बवाल हुआ जिसके कारण सर्दी में भी राजनीति गर्म नजर आ रही है. bjp VS congress ,amit shah, pm modi, rahul gandhi, kisan hinsa delhi

farmers tractor rally violence : दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड (Farmers Tractor Rally) के दौरान जमकर बवाल हुआ जिसके कारण सर्दी में भी राजनीति गर्म नजर आ रही है. केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा, तोड़-फोड़ और अन्य अप्रिय घटनाओं का सभी राजनीतिक दलों ने एक स्वर में आलोचना और निंदा की है. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने हिंसा की आलोचना करते हुए कहा कि जिन्हें हम इतने दिनों से अन्नदाता कह रहे थे, वे उग्रवादी निकले. वहीं कांग्रेस ने सधी-सधायी प्रतिक्रिया में कहा कि दिल्ली में हुई हिंसा और अप्रिय घटनाओं से पार्टी और देश को दुख पहुंचा है.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में जो कुछ हुआ, उसका समर्थन नहीं किया जा सकता लेकिन उन कारणों को भी नरअंदाज नहीं किया जा सकता जिनकी वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई. लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों के इस व्यवहार की निंदा की. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर जिस तरीक़े से उपद्रवी तत्वों द्वारा आंदोलन के आड़ में अपराध किया गया वह किसी भी क़ीमत पर स्वीकार्य नहीं है. लोक जनशक्ति पार्टी इस प्रकार के व्यवहार की आलोचना करती है.

आम आदमी पार्टी (आप) ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की कड़ी निंदा की और केंद्र पर हालात को इस हद तक बिगड़ने देने का आरोप लगाया. आप ने एक बयान में कहा कि हिंसा ने आंदोलन को ‘‘निश्चित रूप से कमजोर” किया है, जो शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से चल रहा था.

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गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने राजपथ पर समारोह समाप्त होने के बाद तय रास्ते से ट्रैक्टर परेड निकालने की अनुमति भी दी थी, लेकिन हजारों की संख्या में किसान समय से पहले विभिन्न सीमाओं पर लगे अवरोधकों को तोड़ते हुए दिल्ली में प्रवेश कर गए. कई जगह पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई और पुलिस को लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा. किसानों का एक समूह लाल किला भी पहुंच गया और वहां गुंबद पर तथा ध्वजारोहण स्तंभ पर झंडे लगा दिए. इस स्तंभ पर केवल राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है.

उल्लेखनीय है कि ट्रैक्टर परेड के दौरान हंगामा, तोड़फोड़ आदि का केन्द्र रहे आईटीओ पर ट्रैक्टर पलट जाने से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गयी. स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों के ट्रैक्टर परेड में जो कुछ हुआ, उससे वह ‘‘शर्मिंदा” महसूस कर रहे हैं और इसकी जिम्मेदारी लेते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन का हिस्सा होने के नाते मैं शर्मिंदा महसूस कर रहा हूं और घटनाक्रम के लिये जिम्मेदारी लेता हूं.

पात्रा ने ट्वीट कर कहा कि जिनको हम इतने दिनों से अन्नदाता कह रहें थे, वो आज उग्रवादी साबित हुए. अन्नदाताओं को बदनाम न करो, उग्रवादियों को उग्रवादी ही बुलाओ!! भाजपा प्रवक्ता ने इसके साथ ही एक वीडियो साझा किया जिसमें एक प्रदर्शनकारी कथित तौर पर तिरंगा झंडा फेंकते हुए देखा जा रहा है. दरअसल वह जब स्तंभ पर चढ़ता दिख रहा है तो उसे भीड़ में से एक व्यक्ति तिरंगा झंडा थमाता है लेकिन वह उसे फेंक देता है और एक अन्य झंडा हाथ में ले लेता है. पात्रा ने इस वीडियो पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा ‘‘दुखद”

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्रैक्टर परेड के दौरान कुछ जगहों पर पुलिस एवं किसानों के बीच झड़प होने के बाद मंगलवार को कहा कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है और सरकार को देशहित में तीनों कृषि कानून वापस लेने चाहिए. उन्होंने ट्वीट किया कि हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। चोट किसी को भी लगे, नुक़सान हमारे देश का ही होगा. देशहित के लिए कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो!

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया कि मोदी सरकार द्वारा हालात को यहां तक पहुंचाया गया. किसान 60 दिनों से सर्दीं के बीच शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें दिल्ली में नहीं आने दिया गया. 100 से अधिक किसानों की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि हिंसा किसी चीज का जवाब नहीं है और यह अस्वीकार्य है. लेकिन भाजपा की ट्रोल आर्मी अपने अधिकार मांगने वालों को बदनाम करती है, मंत्री निराधार आरोप लगाते हैं, विधि अधिकारी अदालत में बिना किसी आधार के दावे करते हैं. किसानों की वाजिब मांगों के निदान का यह कोई तरीका नहीं है.

Posted By : Amitabh Kumar

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