14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Farmers Protest : कृषि कानून पर संग्राम के बीच किसानों से मिले पीएम मोदी, जानें क्या हुई बात

Farmers Protest, PM Modi meets farmers, farmer laws दिल्ली के बॉर्डर पर 20 दिनों से किसान केंद्र के कृषि कानूनों (farmer laws) के खिलाफ प्रदर्शन (Farmers Protest) कर रहे हैं. इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Modi In Gujarat) ने मंगलवार को गुजरात में किसानों और एक स्थानीय स्वसहायता समूह के सदस्यों से मुलाकात की.

दिल्ली के बॉर्डर पर 20 दिनों से किसान केंद्र के कृषि कानूनों (farmer laws) के खिलाफ प्रदर्शन (Farmers Protest) कर रहे हैं. इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Modi In Gujarat) ने मंगलवार को गुजरात में किसानों और एक स्थानीय स्वसहायता समूह के सदस्यों से मुलाकात की.

विभिन्न परियोजनाओं के शिलान्यास के सिलसिले में एकदिवसीय दौरे पर धोर्डों गांव पहुंचे मोदी से मिलने वाले अधिकांश किसान पंजाबी थे जो यहां बस गए हैं. परियोजनाओं के शिलान्यास के लिए इस सीमावर्ती जिले में आयोजित कार्यक्रम के इतर प्रधानमंत्री की किसानों और स्वसहायता समूहों के सदस्यों से अलग-अलग मुलाकात हुई.

इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद थे. प्रधानमंत्री ने मुलाकात के दौरान कच्छ में बसे पंजाब के किसानों के प्रतिनिधिमंडल के अलावा स्थानीय कृषकों की भी बातें सुनीं. ये सिख किसान भारत-पाक सीमा के निकट इलाकों में खेती कर अपना जीविकोपार्जन चलाते हैं.

प्रधानमंत्री की किसानों से यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं. इन प्रदर्शनकारी किसानों में अधिकांश पंजाब और हरियाणा के हैं. मोदी ने एक स्थानीय स्वसहायता समूह की महिलाओं से भी संवाद किया. इससे पहले उन्होंने कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी.

Also Read: Farmers Protest : पीएम मोदी ने किसान आंदोलन को लेकर कही ये बड़ी बात, 10 प्वाइंट में जानें…

इनमें परियोजनाओं में दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा पार्क भी शामिल है, जिसकी स्‍थापना भारत-पाकिस्‍तान सीमा के पास खावड़ा गांव में की जा रही है. प्रधानमंत्री ने खारे पानी को साफ करने के संयंत्र, सरहद डेरी के पूरी तरह स्‍वचालित दुग्‍ध प्रसंस्‍करण संयंत्र और पैकिंग संयंत्र का भी शिलान्यास किया.

एक अनुमान के मुताबिक कच्छ जिले के लखपत तालुका में करीब 5000 सिख परिवार रहते हैं. 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के आह्वान के बाद सिखें ने यहां बसना आरंभ किया था.

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार जहां तीनों कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका जताई है कि नये कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें