Farmers Protest latest updates live news: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार आज छठे दिन जारी है. राजधानी में प्रवेश (Farmers protest delhi) करने के तीन रास्तों पर किसान डेरा डालकर बैठे हुए हैं. दिल्ली सरकार (delhi government) ने किसानों को बुराड़ी में प्रदर्शन करने की अनुमति दी है लेकिन किसान जंतर-मंतर पर विरोध करने के लिए अड़े हुए हैं. इस बीच आज तीन बजे किसानों को बात करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री (union minsiter) ने बुलाया है. किसानों के विरोध के कारण टिकरी और सिंघु बॉर्डर पुरी तरह बंद हैं. इस बीच किसानों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर उनकी बात नहीं सुनी गयी तो वे दिल्ली और दूसरे राज्यों को जोड़ने वाले सभी रास्तों को बंद कर देंगे. वहीं पुलिस ने संघु बॉर्डर पर हुए बवाल को लेकर मामला दर्ज कर लिया है. किसान आंदोलन की हर अपडेट के लिए जुड़े रहें
मध्य प्रदेश के ग्वालियर के ग्रामीण क्षेत्र के किसान कहते हैं कि वे कल आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली की ओर मार्च करेंगे. किसान संगठनों ने बुधवार को दिल्ली जाने का फैसला किया है. मैं साथी किसानों से आग्रह करता हूं कि वे हमारे साथ मिलकर आवश्यक वस्तुओं को ले जाएं.
किसान नेताओं के साथ विज्ञान भवन में बातचीत के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि ''बैठक अच्छी रही और हमने फैसला किया है कि वार्ता तीन दिसंबर को होगी. हम चाहते थे कि एक छोटा समूह गठित किया जाये, लेकिन किसान नेता चाहते थे कि वार्ता सभी के साथ हो, हमें इससे कोई समस्या नहीं है.' साथ ही उन्होंने कहा है कि ''हम किसानों से अपील करते हैं कि वे विरोध प्रदर्शनों को स्थगित करें और वार्ता के लिए आएं. हालांकि, यह निर्णय किसानों की यूनियनों और किसानों पर निर्भर करता है. सरकार का कहना है कि आप अपने संगठनों से 4-5 लोगों के नाम देते हैं और एक समिति का गठन करते हैं, जिसमें सरकार के प्रतिनिधियों के साथ-साथ कृषि विशेषज्ञों के साथ नये कृषि कानूनों पर भी चर्चा होगी.
बीकेयू के अध्यक्ष नरेश टिकैत गाजीपुर-गाजियाबाद (दिल्ली-यूपी) सीमा पर मंगलवार को कहा कि सरकार ने दोपहर तीन बजे पंजाब प्रतिनिधिमंडल को बुलाया. बाद में, सरकार आज शाम सात बजे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगी. हम सभी मामले पर अंतिम निर्णय चाहते हैं.
बुरारी की यात्रा के दौरान दिल्ली के कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि ''एक उचित संवाद होना चाहिए और केंद्र को किसानों द्वारा प्रस्तावित सभी मांगों को स्वीकार करना चाहिए. क्योंकि, वे वास्तविक हैं. प्रदर्शनकारी स्थलों पर जाने का मेरा उद्देश्य किसानों के विरोध प्रदर्शन के लिए बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित करना है.''
दिल्ली ऑटोरिक्शा यूनियन और दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन के महामंत्री राजेंद्र सोनी ने कहा कि हम पूरे देश की तरह किसानों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि दिल्ली के ऑटोरिक्शा और टैक्सी हड़ताल पर नहीं जाएंगे. हम पहले ही 4 महीने के लिए काम से बाहर हो गए हैं और हड़ताल बर्दाश्त नहीं कर सकते.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि किसी भी ट्रैफिक आंदोलन के लिए टिकरी सीमा बंद है. बदुसराय और झटीकरा बॉर्डर केवल दोपहिया यातायात के लिए खुले हैं. हरियाणा के लिए उपलब्ध खुली सीमाएं हैं - झारोदा, धनसा, दौराला, कापसहेरा, राजोखरी NH 8, बिजवासन / बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेरा.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा है कि सिंघू बॉर्डर अभी भी दोनों तरफ से बंद है. मुकरबा चौक और जीटीके रोड से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया. ट्रैफिक बहुत भारी है. कृपया सिग्नेचर ब्रिज से रोहिणी और इसके विपरीत, GTK रोड, NH 44 और सिंघू बॉर्डर तक बाहरी रिंग रोड से बचें.
दिल्ली में पंजाब किसान संघर्ष समिति के संयुक्त सचिव सुखविंदर एस सब्रन ने कहा कि देश में किसानों के 500 से अधिक समूह हैं, लेकिन सरकार ने केवल 32 समूहों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. बाकी को सरकार द्वारा नहीं बुलाया गया है. हम तब तक बातचीत नहीं करेंगे, जब तक सभी समूहों को नहीं बुलाया जाता.
किसानों के प्रदर्शन में हरियाणा की 130 खाप पंचायत भी आज से शामिल हो रही है. इसकी घोषणा मंगलवार को खाप पंचायतों की ओर से कर दी गई थी. खाप पंचायतों के प्रवक्ता जगबीर मलिक ने कहा कि वे लोग किसानों के प्रदर्शन का हिस्सा शुरू से ही हैं, अब सभी खाप पंचायतों ने सहमति से यह निर्णय किया है कि वे किसानों के प्रदर्शन में शामिल भी होंगे.