Kisan Aadnolan, Farmers protest 2020 live news latest update today: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध (farmers protest) फिलहाल थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है. पहले पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana) फिर उत्तर प्रदेश (UP) और मध्यप्रदेश (MP) के किसान इस विरोध में शामिल हो रहे हैं. ग्वालियर के किसानों ने एलान किया है कि आज वो दिल्ली मार्च करेंगे. हालांकि सरकार की ओर से किसान संगठनो को बातचीत के प्रस्ताव के बाद भी पिछले 6 दिनों से विरोध जारी है. दिल्ली की सीमा पर किसानों की भीड़ बढ़ती जा रही है. विरोध के बीच मंगलवार शाम तीन बजे से सरकार और किसान नेताओं के बीच हुई बातचीत भी बेनतीजा रही .अगली बैठक तीन दिसंबर को होगी.
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सात दिन से दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए बुधवार को हरियाणा के सोनीपत जिले से करीब 20 किशोर छात्र झोले में खाने-पीने का सामान लेकर पहुंचे. खाने-पीने का सामान लाने वालों में अधिकतर स्कूली छात्र थे. इनमें 14 साल का रोहित धांडी भी शामिल था, जो 10 वीं कक्षा में पढ़ता है और दो ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने के बाद सिंघु बॉर्डर प्रदर्शन कर रहे किसानों को खाना पहुंचाने के लिए आया. वहीं, दवा की दुकान चलाने वाले 20 साल का संदीप दहिया भी इसमें शामिल था. उसने कहा कि उनका परिवार भी प्रदर्शन का समर्थन कर रहा है. इन छात्रों ने कहा कि हमारे पास लस्सी, रोटी, सब्जी, मिठाइयां, पुरी, फल, पानी आदि हैं. यह पहला दिन है, जब हम आए हैं और आगे भी आना चाहते हैं.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आवास का घेराव कर रहे युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. इससे पहले भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का प्रयोग किया. कार्यकर्ता किसानों के आंदोलन पर बल प्रयोग करने के लिए मुख्यमंत्री से माफी की मांग कर रहे हैं.
हरियाणा के मुख्यमंत्री के आवास का घेराव कर रहे युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का प्रयोग किया है. कार्यकर्ता किसानों के आंदोलन पर बल प्रयोग करने के लिए मुख्यमंत्री से माफी की मांग कर रहे हैं.
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि हम कल कृषि कानूनों से संबंधित हमारे मुद्दों का एक मसौदा प्रस्तुत करेंगे. सरकार ने पंजाब, यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के किसानों के साथ बातचीत शुरू कर दी है. इसलिए, 3 दिसंबर को अगली बैठक तक, सरकार के पास सभी मुद्दों पर विचार मंथन करने का समय है.
किसानों के आंदोलन को देखते हुए मंगलवार शाम को सरकार और किसान नेताओं के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही. करीब चार घंटे तक हुई बातचीत के बातक नहीं बनी. सरकार के साथ बातचीत में शामिल रहे किसान नेता चंदा सिंह कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ हमारा विरोध जारी रहेगा.
मध्य प्रदेश: ग्वालियर ग्रामीण क्षेत्र के किसान कहते हैं कि वे आज आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली की ओर मार्च करेंगे. किसान संगठनों ने कल दिल्ली जाने का फैसला किया है. मैं साथी किसानों से आग्रह करता हूं कि वे हमारे साथ मिलकर आवश्यक वस्तुओं को ले जाएं