अंजलि पांडे की रिपोर्ट
Covid 19 Vaccine: देश में हार्ट अटैक से हो रही मृत्यु की खबरों के बीच मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है. इस बयान में स्पष्ट किया गया है कि 18 से 45 वर्ष की आयु में हो रही अचानक मौतों के पीछे कोविड-19 वैक्सीन जिम्मेदार नहीं है. ICMR और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) की स्टडी ने यह पुष्टि की है कि कोविड-19 वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है. बयान में हृदय संबंधी मृत्यु के कई कारण बताए गए हैं, जिनमें आनुवंशिकता, जीवनशैली, पहले से मौजूद बीमारियां और कोविड के बाद की जटिलताएं शामिल हैं.
दो मुख्य अध्ययन सुलझाएंगे पहेली
ICMR और NCDC अचानक होने वाली मौतों के पीछे के कारणों को समझने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. अभी तक दो मुख्य अध्ययन किए गए हैं, जिनमें पुराने डेटा और वास्तविक समय की जांच को आधार बनाया गया है.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के रिसर्च में क्या है?
ICMR के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (NIE) ने पहला अध्ययन किया था, जिसका शीर्षक “भारत में 18-45 वर्ष की आयु के वयस्कों में अचानक होने वाली मौतों से जुड़े कारक – एक बहु-केंद्रित मिलान केस-नियंत्रण अध्ययन” है. यह अध्ययन मई से अगस्त 2023 तक 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 तृतीयक देखभाल अस्पतालों में किया गया था। इस अध्ययन के अनुसार कोविड-19 वैक्सीन युवा वयस्कों में अचानक होने वाली मौतों का जोखिम नहीं बढ़ाता है.
AIIMS और ICMR ने मिलकर दूसरा अध्ययन किया
AIIMS, नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषण और ICMR के सहयोग से दूसरा अध्ययन किया जा रहा है, जिसका शीर्षक “युवाओं में अचानक होने वाली अस्पष्टीकृत मौतों के कारणों का पता लगाना” है. इस अध्ययन में पाया गया है कि पिछले वर्षों की तुलना में कारणों के पैटर्न में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. अध्ययन पूरा होने के बाद अंतिम परिणाम साझा किए जाएंगे.
कोविड-19 वैक्सीन पर झूठे आरोप
जारी किए गए बयान के अनुसार, अचानक हो रही मृत्यु में पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं, आनुवंशिक प्रवृत्ति और जोखिम भरी जीवनशैली विकल्पों की भूमिका है. अचानक होने वाली मौतों और कोविड-19 वैक्सीन के बीच के संबंध को झूठा और भ्रामक बताया गया है. बिना किसी वैज्ञानिक प्रमाण के किए गए दावों से लोगों का वैक्सीन पर भरोसा कम हो जाने की भी बात कही गई है.